5G टेक्नोलाजी का ग्लोबल हब बनेगा भारत, रूस समेत कई देशों ने 5जी सेवाओं में मांगा सहयोग

भारत 5जी तकनीक का एक ग्लोबल हब बनने की तरफ अग्रसर है। रूस दक्षिण अफ्रीका समेत दूसरे देशों ने कूटनीतिक संपर्क साध 5जी सेवाओं में मांगा सहयोग रिलायंस जिओ की तरफ से विकसित किए गए 5जी स्टैक को लेकर कई देशों ने दिखाई अपनी रुचि।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 05 Oct 2022 10:49 PM (IST) Updated:Wed, 05 Oct 2022 10:49 PM (IST)
5G टेक्नोलाजी का ग्लोबल हब बनेगा भारत, रूस समेत कई देशों ने 5जी सेवाओं में मांगा सहयोग
भारत की 5जी तकनीक आधारित संचार सेवाओं की शुरुआत और इसके विस्तार पर दूसरे देशों की नजर।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एक वक्त था जब आधारभूत संचार सेवाओं के लिए जरूरी तकनीक, स्विचिंग सिस्टम, माडम, राउटर और फोन सेट के लिए भारत को दूसरे देशों का मोहताज रहना पड़ता था। हालांकि अब ऐसी स्थिति नहीं है। भारत संचार क्षेत्र की सबसे अत्याधुनिक 5जी तकनीक का एक ग्लोबल हब बनने की तरफ अग्रसर है।

दुनिया बनाये हुए हैं भारत की 5जी सेवाओं पर पैनी नजर

दिसंबर, 2023 तक भारत की तकरीबन 60 करोड़ आबादी को 5जी सेवा देने के लिए जिस तेजी से देश की दूरसंचार कंपनियां जुटी हैं उस पर दुनियाभर की नजर है। सिर्फ छोटे देश ही नहीं बल्कि अमेरिका और अस्ट्रेलिया जैसे देश भी भारत में 5जी तकनीक आधारित संचार सेवाओं की शुरुआत और इसके विस्तार पर पैनी नजर बनाए हैं।

रूस, दक्षिण अफ्रीका, मारीशस, मालदीव, बांग्लादेश समेत कई दूसरे देशों ने कूटनीतिक संपर्क साध कर भारत से 5जी सेवाओं में सहयोग मांगा है। 5जी तकनीक को घरेलू स्तर पर तैयार करने में जिस स्तर पर रिलायंस जिओ ने काम किया है उससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सोच बदलती नजर आ रही है।

स्टैक 5जी नेटवर्क का सबसे अहम पहलू 

कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत में 5जी सेवा देने के लिए उनके इंजीनियरों की तरफ से विकसित 5जी स्टैक को लेकर कई देशों ने रुचि दिखाई है। यह स्टैक 5जी नेटवर्क का सबसे अहम पहलू होता है। इसे भारतीय माहौल को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, लेकिन इसे अफ्रीका, एशिया और दक्षिणी अमेरिकी देशों के लिए मुफीद माना जा रहा है।

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इसी तरह से 700 मेगाह‌र्ट्ज के स्पेक्ट्रम को जिस तरह से 5जी में इस्तेमाल करने की तैयारी जिओ ने की है उसको लेकर भी विकासशील देशों में उत्सुकता है। पहली बार इस मेगाह‌र्ट्ज का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर 5जी सेवाओं के लिए होने जा रहा है।

दुनिया के 67 देशों में है 5जी तकनीक

67 देशों में अभी तक 5जी सर्विस की शुरुआत भारत के 5जी तकनीक में ग्लोबल हब बनने की संभावना के पीछे एक बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि यहां इसका विस्तार तेजी से होने जा रहा है। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 67 देशों में अभी तक 5जी तकनीक शुरू हुई है, लेकिन भारत दिसंबर, 2023 तक सबसे बड़ा 5जी बाजार बनने की क्षमता रखता है।

रिलायंस जिओ के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में हिस्सा लेते हुए संकेत दिया था कि जिस तरह से उनकी कंपनी अभी पूरी दुनिया में सबसे सस्ती दर पर 4जी सेवा भारत में दे रही है उसी तरह से 5जी संचार सेवा भी भारत में दी जाएगी।

दूसरे देशों में 5जी सेवाओं की शुरुआत को मिलेगा बढ़ावा भारत में दूरसंचार उपकरण बनाने वाली स्वीडिश कंपनी एरिक्सन ने कहा है कि भारत में 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत कई दूसरे देशों में 5जी सेवाओं की शुरुआत को बढ़ावा देगा। एरिक्सन भारत स्थित अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का और ज्यादा विस्तार करने जा रही है ताकि वह भारत के साथ ही दूसरे देशों की मांग को पूरी कर सके।

5जी की शुरुआत से भारत में होगा सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास

क्रिस्टियानो एमोन, सीईओ और प्रेसिडेंट, क्वालकाम ने कहा, 'भारत में 5जी के विस्तार पर दक्षिणी अमेरिकी, दक्षिण-पूर्वी एशियाई और मध्य-पूर्व एशियाई देशों की भी नजर है। भारत जितना बड़ा बाजार देता है, वैसा दुनिया में और कहीं उपलब्ध नहीं है। 5जी की शुरुआत भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग में भी एक बड़ी भूमिका निभाने का मौका देगा और इससे जुड़ी टेक्नोलाजी कंपनियों के लिए यहां का अनुभव दूसरे देशों में काम आएगा।'

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