ऑस्ट्रेलिया में हुए खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं को लेकर भारत सख्त, कहा- दोषियों को मिले कड़ी सजा

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में हुए खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम इस तरह के घटनाओं और तोड़-फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने खालिस्तान जनमत संग्रह को अपनी अस्वीकृति से अवगत कराया है।

By AgencyEdited By: Publish:Fri, 03 Feb 2023 02:58 AM (IST) Updated:Fri, 03 Feb 2023 06:02 AM (IST)
ऑस्ट्रेलिया में हुए खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं को लेकर भारत सख्त, कहा- दोषियों को मिले कड़ी सजा
ऑस्ट्रेलिया में हुए खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं को लेकर भारत सख्त, कहा- दोषियों को हों कड़ी सजा

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया में हुए खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं की कड़ी निंदा की। साथ ही खालिस्तान जनमत संग्रह को अपनी अस्वीकृति से अवगत कराया है। साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के समक्ष उठाया मुद्दा

अरिंदम बागची ने कहा कि हम इस तरह के घटनाओं और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने खालिस्तान जनमत संग्रह को अपनी अस्वीकृति से अवगत कराया है। हमने वहां पर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा कि हम चरमपंथी तत्वों द्वारा किए गए ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। साथ ही उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से दोषियों को कड़ी सजा देने का अनुरोध भी किया।

उन्होंने कहा कि हम बार-बार ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से जुड़े घटनाक्रमों को लेकर अपनी चिंताओं को उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने खालिस्तान जनमत और चरमपंथी तत्वों द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित अभ्यासों की दृढ़ता से अस्वीकृति व्यक्त की है।

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क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले एक पखवाड़े के दौरान तीन भारतीय मंदिरों के हमले के बाद अब वहां खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने ना सिर्फ भारतीयों के एक समूह पर हमला किया बल्कि सार्वजनिक तौर पर भारतीय झंडे का अपमान भी किया था।

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उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना था कि भारत बहुत ही गंभीरता से पूरे मामले को देख रहा है। भारत इस बात से चिंतित है कि ऑस्ट्रेलिया में हाल के महीनों में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ी हैं। कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन अभी तक खालिस्तान समर्थकों का गढ़ होता रहा है।

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