भारत में पिछले साल टीबी से 79,144 लोगों की गई जान, WHO ने जताई थी 26.9 लाख मौतों की आशंका

इंडिया टीबी रिपोर्ट 2020 के मुताबिक भारत में पिछले साल टीबी के 24.04 लाख मामले सामने आए जबकि डब्ल्यूएचओ ने 26.9 लाख मामलों की आशंका जताई थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 06:03 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 06:03 AM (IST)
भारत में पिछले साल टीबी से 79,144 लोगों की गई जान, WHO ने जताई थी 26.9 लाख मौतों की आशंका
भारत में पिछले साल टीबी से 79,144 लोगों की गई जान, WHO ने जताई थी 26.9 लाख मौतों की आशंका

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में पिछले साल टीबी के 24.04 लाख मामले सामने आए। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 26.9 लाख मामलों की आशंका जताई थी। इस बीमारी के कारण वर्ष 2019 में 79,144 लोगों की मौत भी हो गई। बीमारी पर नियंत्रण पाने वाले 50 लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले राज्यों में गुजरात पहले, आंध्र प्रदेश दूसरे व हिमाचल प्रदेश तीसरे स्थान पर रहे।

इंडिया टीबी रिपोर्ट 2020 के अनुसार, पिछले साल भारत में टीबी (क्षय रोग) के कारण 79,144 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने 4.4 लाख मौतों की आशंका जताई थी। वर्ष 2017 में टीबी के मरीजों के लापता होने के 10 लाख मामले सामने आए थे, जो भारी गिरावट के साथ वर्ष 2019 में 2.9 लाख रह गए। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में 24.04 लाख

टीबी मरीज सामने आए जो पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसद ज्यादा रहे। निजी क्षेत्र में करीब 35 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 6.78 लाख टीबी के मरीजों को अधिसूचित किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए इस कार्य में सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, दुनिया ने टीबी मुक्त होने के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य तय किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि इस वर्ष की मुख्य विशेषता यह है कि पहली बार केंद्रीय टीबी डिवीजन (सीटीडी) ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा क्षयरोग उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों पर त्रैमासिक रैंकिंग जारी की है।

यूपी समेत पांच राज्यों में आए आधे मामले

रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्यों में त्रिपुरा और नगालैंड अव्वल रहे। दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले केंद्र शासित प्रदेश चुने गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तरह ही टीबी के कुल मामलों में से आधे मामले पांच राज्यों उत्तर प्रदेश (20 फीसद), महाराष्ट्र (नौ फीसद), मध्य प्रदेश (आठ फीसद), राजस्थान व बिहार (सात-सात फीसद) में सामाने आए।

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