India China Border Tension: सैनिकों की वापसी पर रविवार को फिर होगी भारत-चीन सैन्य वार्ता

पूर्वी लद्दाख स्थित एलएसी पर मई 2020 से जारी तनाव में नरमी के संकेत के बीच भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की वार्ता का नौवां दौर रविवार को होगा। इस बार की बातचीत एलएसी के पास मोल्डो जगह पर होगी जो चीन के नियंत्रण में है।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 09:51 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:51 PM (IST)
India China Border Tension: सैनिकों की वापसी पर रविवार को फिर होगी भारत-चीन सैन्य वार्ता
पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मई, 2020 से जारी तनाव में नरमी के संकेत के बीच भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की वार्ता का नौवां दौर रविवार को होगा। इस बार की बातचीत एलएसी के पास मोल्डो जगह पर होगी जो चीन के नियंत्रण में है और यह भारतीय सीमा में पड़ने वाले चुशूल सेक्टर के सामने है। 24 जनवरी, 2021 को सुबह 9.30 बजे शुरू होने वाली वार्ता में भारतीय सैन्य अधिकारियों के साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी होंगे। 

कोर कमांडरों के साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी होंगे शामिल

माना जा रहा है कि इस बार पिछली बैठक में एक-दूसरे से की गई मांगों के संदर्भ में उठाए गए कदमों की समीक्षा होगी।दोनों देशों के बीच सैन्य स्तरीय यह बातचीत तकरीबन दो महीने पर हो रही है। इस स्तर की पिछली यानी आठवीं दौर की वार्ता छह नवंबर, 2020 को चुशूल में ही हुई थी। उसके बाद 18 दिसंबर, 2020 को विदेश मंत्रालय के स्तर की बातचीत हुई। 

एलएसी पर नरमी के संकेत के बीच नौवें दौर की बातचीत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा था कि दोनों देशों के बीच आगामी बातचीत को लेकर संपर्क बना हुआ है। उद्देश्य यह है कि एलएसी पर जितने भी तनाव भरे इलाके हैं वहां से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो ताकि पूर्ण तौर पर शांति स्थापित हो सके।

सूत्रों का कहना है कि सैन्य स्तरीय आठवें दौर की वार्ता के बाद एलएसी पर माहौल काफी बदला है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि पूरा एलएसी इलाका भीषण बर्फबारी में ढका हुआ है और औसतन तापमान शून्य से 40 से 45 डिग्री के बीच चल रहा है। चीन की तरफ से कम से कम एलएसी पर उकसाने वाला कोई कदम नहीं उठाया गया है। 

हालांकि भारतीय सेना पूरी तरह से चौकस व सतर्क है। रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले जिन इलाकों पर भारतीय सेना ने सितंबर, 2020 में कब्जा जमाया था वहां भी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। मई, 2020 में चीन के सैनिकों के एलएसी के उल्लंघन के बाद वहां हालात तनावपूर्ण हैं। भारत ने भी चीन के खतरे को देखते हुए वहां हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी है।

चीन के आक्रामक रवैये के बाद भारत ने भी उसके खिलाफ कई तरह के कदम उठाए जिससे द्विपक्षीय रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। हाल ही में चीन ने एलएसी से दूर स्थित अपने कैंप से कुछ सैनिकों की वापसी की है। वैसे इनकी तैनाती एलएसी पर नहीं थी, लेकिन फिर भी इसे चीन की तरफ से सैन्य तनाव को खत्म करने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।  

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