आइआइटी मद्रास ने बनाई प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने की प्रणाली

आइआइटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से संचालित ऐसी प्रणाली विकसित की है जो रीसाइकिल नहीं हो सकने वाली प्लास्टिक को ईंधन में परिवर्तित कर सकती है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Thu, 07 Jun 2018 06:31 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jun 2018 07:04 PM (IST)
आइआइटी मद्रास ने बनाई प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने की प्रणाली
आइआइटी मद्रास ने बनाई प्लास्टिक कचरे से ईंधन बनाने की प्रणाली

नई दिल्ली, प्रेट्र : आइआइटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से संचालित ऐसी प्रणाली विकसित की है जो रीसाइकिल नहीं हो सकने वाली प्लास्टिक को ईंधन में परिवर्तित कर सकती है। इससे उत्पादित ईंधन को डीजल के स्थान पर जेनरेटरों, भट्टियों और इंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि इस तकनीक में एक मोबाइल इकाई शामिल है जो प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करती है और प्रोसेस करती है। इसके जरिये एक किग्रा प्लास्टिक कचरे से करीब 0.7 लीटर ईंधन तेल बनाया जा सकता है। आइआइटी मद्रास की शोध छात्र राम्या सेल्वाराज ने बताया, 'भारत में प्रतिदिन करीब 15 हजार टन प्लास्टिक कचरा उत्पादित होता है।

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए केंद्रीयकृत प्रणाली प्रतिदिन के आधार पर इतनी मात्रा में प्लास्टिक कचरे से प्रभावी रूप से नहीं निपट सकती। हमने सोचा कि अगर प्लास्टिक उद्योग तक नहीं आ सकती तो उद्योग को प्लास्टिक तक पहुंचना चाहिए।' शोधार्थियों की टीम ने अपने इस प्रोजेक्ट को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शित किया। टीम का नेतृत्व दिव्या प्रिया ने किया और टेक्नीकल गाइड आइआइटी मद्रास की प्रोफेसर इंदुमति नाम्बी थीं। टीम के इंडस्ट्रीयल मेंटर चेन्नई स्थित गैरसरकारी संगठन 'समृद्धि फाउंडेशन' के श्रीराम नरसिम्हन थे।

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