दूर से भी मरीज की धड़कन को रिकॉर्ड कर लेगा आइआइटी बॉम्‍बे का यह स्मार्ट स्टेथोस्कोप

IIT-Bombay ने डॉक्‍टरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में काम आने वाला एक ऐसा डिजिटल स्टेथोस्कोप विकसित किया है जो दूर से ही मरीज की धड़कन रिकॉर्ड कर सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 11 Apr 2020 03:59 PM (IST) Updated:Sat, 11 Apr 2020 05:15 PM (IST)
दूर से भी मरीज की धड़कन को रिकॉर्ड कर लेगा आइआइटी बॉम्‍बे का यह स्मार्ट स्टेथोस्कोप
दूर से भी मरीज की धड़कन को रिकॉर्ड कर लेगा आइआइटी बॉम्‍बे का यह स्मार्ट स्टेथोस्कोप

नई दिल्ली, पीटीआइ। आईआईटी बॉम्‍बे (Indian Institute of Technology of Bombay, IIT-B) की एक टीम ने डॉक्‍टरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में काम आने वाला एक ऐसा डिजिटल स्टेथोस्कोप यानी डिजिटल आला विकसित किया है जो दूर से ही मरीज की धड़कन को रिकॉर्ड कर सकता है। माना जा रहा है कि इस मेडिकल डिवाइस के इस्‍तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों से स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाले संक्रमण का जोखिम कम होगा।

शोधकर्ताओं की टीम के एक सदस्य ने बताया कि मरीज की धड़कन की गति संबंधी डेटा ब्लूटूथ की मदद से डॉक्‍टर तक पहुंचता है। इस डिवाइस का इस्‍तेमाल कर रहे डॉक्‍टर को मरीज की धड़कन मापने के लिए उसके पास जाना जरूरी नहीं है। इस डिवाइस को विकसित करने वाली आईआईटी की टीम ने उपकरण का पेटेंट हासिल कर लिया है। यही नहीं इस डिवाइस से मिलने वाले डेटा को अन्य डॉक्‍टरों को भी भेजा जा सकता है।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, आयुडिवाइस नाम से स्टार्टअप चला रही टीम ने देश के विभिन्न अस्पतालों में ऐसे एक हजार स्टेथोस्कोप भेजे हैं। इसको डॉक्‍टरों से मिली जानकारियों के आधार पर विकसित किया गया है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को सांस फूलने की समस्‍या होती हैं। ऐसे मरीजों के उपचार के लिए डॉक्‍टर धड़कन सुनने के लिए पारंपरिक स्टेथोस्कोप का इस्‍तेमाल करते हैं  लेकिन नया डिवाइस अब इस तरीके को बदल देगा। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि पुराने तरीके से धड़कन की माप करना डॉक्‍टरों के लिए जोखिम भरा है। कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण के बढ़ते मामले इसकी तस्‍दीक कर रहे हैं। एक शोधकर्ता ने बताया कि इस डिवाइस में कान में लगाने वाले दो उपकरण एक ट्यूब से जुड़े होते हैं। यह ट्यूब बीमारी का पता लगाने में बाधा उत्पन्न कर सकने वाले शोर को हटाकर शरीर की धड़कनों को भेजती है।

टीम के सदस्य आदर्श के. ने कहा कि इस डिवाइस का बड़ा फायदा यह है कि स्टेथोस्कोप विभिन्न आवाजों को बढ़ाकर एवं फिल्टर करके उनको इलेक्ट्रॉनिक संकेतों में बदलने में सक्षम है। यह संकेत स्मार्टफोन या लैपटॉप पर फोनोकार्डियोग्राम यानी धड़कन बताने वाले चार्ट के रूप में दिखाई देते हैं। उल्‍लेखनीय है कि देशभर में कोरोना वायरस से 7,447 लोग संक्रमित हो चुके है और कुल 239 लोगों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है।

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