बाज नहीं आया पाक, तो सेना के पास खुले हैं दूसरे विकल्प : जनरल बिपिन रावत

जनरल रावत ने कहा कि हम किसी भी घुसपैठिये को खत्म करने में सक्षम हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 27 Oct 2018 09:15 PM (IST) Updated:Sat, 27 Oct 2018 09:15 PM (IST)
बाज नहीं आया पाक, तो सेना के पास खुले हैं दूसरे विकल्प : जनरल बिपिन रावत
बाज नहीं आया पाक, तो सेना के पास खुले हैं दूसरे विकल्प : जनरल बिपिन रावत

नई दिल्ली, प्रेट्र। कश्मीर में पथराव से एक जवान के शहीद होने के एक दिन बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पत्थरबाज आतंकी संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं और उनके साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। इसके साथ ही पाकिस्तान को भी सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि यदि वह सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखता है, तो सेना 'दूसरे विकल्प' का भी इस्तेमाल कर सकती है। शनिवार को इन्फैंट्री दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में सेना प्रमुख ने हालांकि यह नहीं बताया कि वह जिस संभावित कार्रवाई की बात कर रहे हैं, वह क्या हो सकती है?

जनरल रावत ने कहा कि हम किसी भी घुसपैठिये को खत्म करने में सक्षम हैं। लेकिन, अगर पाकिस्तान घुसपैठ का समर्थन जारी रखता है, तो हम भी दूसरे तरह की कार्रवाई कर सकते हैं। जनरल रावत ने पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की सहायता और उसे बढ़ावा देने से बचने के लिए भी चेताया।

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे इस तरह की कार्रवाइयों से लोगों को मार सकते हैं, तो वे आतंकवादियों की तरह बन रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि मैं पत्थरबाजों को बताना चाहता हूं कि पथराव से किसी का भी फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पथराव के दौरान 22 वर्षीय जवान राजेंद्र सिंह घायल हो गए थे। इसके बाद शुक्रवार को श्रीनगर के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

पाकिस्तान को पता है कि वह जम्मू-कश्मीर में नाकाम रहेगा
सेना प्रमुख ने कहा कि कानूनी तौर पर और सभी अधिकारों से जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान किसी भी तरह से देश के इस हिस्से को हड़पने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश की मुक्ति के साथ ही उसने कश्मीर में इसी तरह की स्थिति पैदा करने का फैसला किया। क्या पाकिस्तान सफल रहा है? वह ऐसा नहीं कर पाया है। उसको अच्छी तरह से मालूम है कि वह जम्मू-कश्मीर में कभी सफल नहीं हो सकता है। लेकिन, उसे अब भी उम्मीद है कि वह सफल हो सकता है।

हार चुके छद्म युद्ध में सेना को उलझाए रखना चाहता है पाक
--आतंकवाद को पाक के समर्थन पर जनरल रावत ने कहा कि वह 1971 की हार का बदला लेने के लिए छद्म युद्ध का सहारा ले रहा है।

--पाकिस्तान का मकसद सेना को इस छद्म युद्ध में उलझाए रखना है, जिसे वह गंवा चुका है।

--उन्होंने कहा कि पाक के लिए यह जानना बेहतर होगा कि सीमापार घुसपैठ में शामिल होने से केवल उसका नुकसान हो रहा है।

--जम्मू-कश्मीर यह सुनिश्चित करने के लिए 'काफी मजबूत' है कि वह भारत का हिस्सा बना रहेगा।

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