डायबिटीज इलाज में लोकप्रिय हो रही मोबाइल पर मदद

डायबिटीज के मरीजों के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से दी जा रही मोबाइल पर मदद लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 08 Jul 2016 10:17 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jul 2016 10:46 PM (IST)
डायबिटीज इलाज में लोकप्रिय हो रही मोबाइल पर मदद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डायबिटीज के मरीजों के लिए मोबाइल पर मदद के लिए की गई केंद्र सरकार की पहल में लोगों ने खासी दिलचस्पी दिखाई है। सिर्फ दो हफ्तों के अंदर ही 41 हजार से ज्यादा लोगों ने इस पर खुद को रजिस्टर कर लिया है। इस तरह उन्हें डायबिटीज को ले कर नियमित जानकारी और सहायता मिलनी शुरू हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 22 जून को शुरू की गई 'एम-डायबिटीज' सेवा के तहत शुक्रवार तक 41,404 लोगों ने खुद को रजिस्टर कर लिया है। खास बात है कि इनमें से 10,270 लोगों ने खुद को डायबिटीज होने की जानकारी भी दी है। इसी तरह 182 स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत पेशेवर हैं। खास बात है कि इस सेवा का लाभ लेने वाले नए लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

डायबिटीज से बचना है तो करें ये उपाय

दुनिया के सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीजों वाले अपने देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और विशेषज्ञों के साथ मिल कर 'एम-डायबिटीज' कार्यक्रम शुरू किया है। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति 011-22901701 नंबर पर मिस्ड कॉल दे कर या इसकी वेबसाइट पर जा कर यह सेवा हासिल कर सकता है। इसके लिए फोन में एंड्रायड या कोई अतिरिक्त सुविधा की जरूरत नहीं है।

मधुमेह रोगियों के जीवन को आसान बनाएंगे कृत्रिम अग्न्याशय

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस समय देश में लगभग छह करोड़ (7.8 प्रतिशत) वयस्क लोगों को मधुमेह की समस्या है। इनमें से लगभग आधे लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता तक नहीं है। इनमें से बहुत बड़ी संख्या में लोगों को अपनी बीमारी का पता तब चलता है, जब स्थिति खराब हो चुकी होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि देश में मोबाइल फोन कनेक्शन धारकों की संख्या सौ करोड़ को पार कर चुकी है और मोबाइल सघनता 80 फीसदी तक पहुंच चुकी है। ऐसे में यह कार्यक्रम देश की उस दो तिहाई ग्रामीण आबादी तक भी पहुंच पाएगा, जहां इंटरनेट और कंप्यूटर या मीडिया की पहुंच अब भी बहुत कम है।

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