लापता हेलीकॉप्टर का दूसरे दिन भी सुराग नहीं

अरुणाचल प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी और दो पायलटों के साथ लापता हुए पवन हंस हेलीकॉप्टर का सुराग दूसरे दिन भी नहीं चल पाया है। इस बीच खराब मौसम के कारण बुधवार को तलाशी अभियान बाधित हुआ है। हालांकि भारतीय वायुसेना (आइएएफ) के सुखोई ने चार घंटे तक टोह लेने

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2015 08:11 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2015 09:36 PM (IST)
लापता हेलीकॉप्टर का दूसरे दिन भी सुराग नहीं

इटानगर। अरुणाचल प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी और दो पायलटों के साथ लापता हुए पवन हंस हेलीकॉप्टर का सुराग दूसरे दिन भी नहीं चल पाया है। इस बीच खराब मौसम के कारण बुधवार को तलाशी अभियान बाधित हुआ है। हालांकि भारतीय वायुसेना (आइएएफ) के सुखोई ने चार घंटे तक टोह लेने के दौरान कुछ चित्र जरूर एकत्र किए हैं।

सूबे के मुख्य सचिव रमेश नेगी ने यहां बताया, 'मौसम के चलते खोज अभियान में जुटे वायुसेना के हेलीकॉप्टरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।'

उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान में छह हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं, लेकिन इनकी सेवाएं मौसम पर निर्भर हैं।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

वर्ष 2011 में अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य लोगों की तब मौत हो गई थी, जब उन्हें ले जा रहा पवन हंस हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

इसके कुछ दिनों बाद तवांग में उतरते समय एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसमें 16 लोग मारे गए थे। इन दुर्घटनाओं के बाद सूबे में 2013 तक व्यावसायिक हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। बाद में पवन हंस की सेवाएं अरुणाचल प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में फिर से शुरू की गईं थीं।

chat bot
आपका साथी