Gyanvapi: ASI सर्वे की हरी झंडी मिलने के बाद SC पहुंचा मुस्लिम पक्ष, हिंदू पक्ष ने भी दाखिल की कैविएट अर्जी

वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक कैविएट अर्जी दायर की। इसी बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि एएसआई को सर्वे करने की अनुमति न दी जाए। दरअसल हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।

By AgencyEdited By: Publish:Thu, 03 Aug 2023 03:42 PM (IST) Updated:Thu, 03 Aug 2023 04:41 PM (IST)
Gyanvapi: ASI सर्वे की हरी झंडी मिलने के बाद SC पहुंचा मुस्लिम पक्ष, हिंदू पक्ष ने भी दाखिल की कैविएट अर्जी
काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर मामला (फाइल फोटो)

HighLights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका की थी खारिज
  • हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
  • ज्ञानवापी मामले को लेकर पहले ही हिंदू पक्ष ने दाखिल की कैविएट अर्जी

नई दिल्ली, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर मामले में गुरुवार को नया मोड़ आया, जहां एक तरफ हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की। वहीं मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दरवाजा खटखटाया।

दरअसल, ज्ञानवापी परिसर मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद सर्वे का रास्ता साफ हो गया। ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर सकती है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

कोर्ट ने क्या कुछ कहा?

मुस्लिम पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि एएसआई को सर्वे करने की अनुमति नहीं दी जाए। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गौर करेगा।

The Anjuman Intezamia Masjid Committee moves Supreme Court challenging the Allahabad High Court order allowing ASI to conduct a scientific survey by ASI of the Gyanvapi mosque premises.

Advocate of the Masjid Committee mentions the matter before Supreme Court saying not to allow… pic.twitter.com/R6GgpLGVY4

— ANI (@ANI) August 3, 2023

कैविएट अर्जी दाखिल

वहीं, हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए पहले ही एक कैविएट अर्जी दाखिल कर दी।

इस अर्जी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में आग्रह किया गया,

अगर मुस्लिम पक्ष एएसआई को सर्वे को संचालन करने की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करता है तो बिना उनका पक्ष सुने हुए कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाए।

क्या है कैविएट अर्जी?

सनद रहे कि एक वादी द्वारा कैविएट अर्जी यह सुनिश्चित करने के लिए दाखिल की जाती है कि बिना सुने उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।

मामले में अबतक क्या कुछ हुआ?

वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआइ सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसपर पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को एएसआई सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी।

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