गुरु लीला शाह ने आसाराम को दीक्षा देने से किया था इन्कार, आश्रम से था खदेड़ा

आसाराम को स्वामी लीला शाह ने दीक्षा देने से इन्कार कर दिया था। हरकतों को देखते हुए शिष्य बनाने और दीक्षा देने से इन्कार कर दिया।

By Arti YadavEdited By: Publish:Thu, 26 Apr 2018 09:21 AM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 09:22 AM (IST)
गुरु लीला शाह ने आसाराम को दीक्षा देने से किया था इन्कार, आश्रम से था खदेड़ा
गुरु लीला शाह ने आसाराम को दीक्षा देने से किया था इन्कार, आश्रम से था खदेड़ा

नैनीताल (जागरण संवाददाता)। जोधपुर कोर्ट से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुके आसाराम को स्वामी लीला शाह ने दीक्षा देने से इन्कार कर दिया था। स्वामी ने आसाराम को नैनीताल के हनुमानगढ़ी के पास स्थित आश्रम से निकाल दिया था।

नैनीताल से तीन किमी दूर स्थित हनुमानगढ़ी के पास ही लीला शाह आश्रम है। 1992 से लीला शाह आश्रम में रह रहे गुजरात के कच्छ निवासी सुबोध मुनि बताते हैं कि 1964 में आसाराम पत्नी के साथ आश्रम आए थे। आश्रम के बाहर पत्नी को बैठाकर वह गुरुजी (लीला शाह) के पास आए और शिष्य बनाने की फरियाद की। मगर स्वामी ने उन्हें आश्रम से बाहर निकलवा दिया।

सुबोध बताते हैं कि इसके बाद आसाराम हरिद्वार, मुंबई, गुजरात के सीतपुर, दीशा व माउंट आबू में स्वामी जी से मिलने के लिए गए मगर स्वामी जी ने उसकी हरकतों को देखते हुए शिष्य बनाने और दीक्षा देने से इन्कार कर दिया। सुबोध बताते हैं कि स्वामी जी आसाराम की रसिक मिजाजी भांप गए थे।

लीला शाह के भक्त दुंदराज आत्माराम आडवाणी बताते हैं कि वह भी 60 के दशक में आश्रम आए थे। बताया कि स्वामी जी पर दैवीय कृपा थी, जिससे वह आसाराम के चरित्र को पहचान गए थे। 1973 में लीला शाह का देहांत हो गया था।

बता दें कि नाबालिग लड़की के यौन शोषण मामले में बुधवार को जोधपुर की कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसके अलावा दो अन्य आरोपियों को भी दोषी ठहराते हुए उन्हें बीस-बीस साल जेल की सजा सुनाई है। वहीं इस केस में दो आरोपी बरी हो गए हैं।

chat bot
आपका साथी