ई-गवर्नेस में केंद्र ने माना गुजरात का लोहा

सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए गुजरात सरकार द्वारा तैयार ई-गवर्नेस प्रणाली का लोहा केंद्र सरकार ने भी माना है। केंद्र ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना की निगरानी के लिए गुजरात द्वारा विकसित तकनीक को डॉक्यूमेंट्री के जरिये लोगों के बीच ले जाने का फैसला किया है।

By Edited By: Publish:Tue, 18 Feb 2014 10:34 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2014 10:34 PM (IST)
ई-गवर्नेस में केंद्र ने माना गुजरात का लोहा

नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए गुजरात सरकार द्वारा तैयार ई-गवर्नेस प्रणाली का लोहा केंद्र सरकार ने भी माना है। केंद्र ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना की निगरानी के लिए गुजरात द्वारा विकसित तकनीक को डॉक्यूमेंट्री के जरिये लोगों के बीच ले जाने का फैसला किया है।

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कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने मंगलवार को यहां ई-गवर्नेस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित छह डॉक्यूमेंट्री जारी कीं। मनरेगा की निगरानी के लिए गुजरात द्वारा विकसित तकनीक पर आधारित लघु फिल्म इनमें से एक है। नारायणसामी ने इस मौके पर कहा, मनरेगा के विस्तृत दायरे के कारण इसके क्रियान्वयन में काफी समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। ई-गवर्नेस के क्षेत्र में नए प्रयोग से हमें पता चलता है कि कैसे सार्वजनिक योजनाओं का लाभ लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

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गुजरात के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के सफल प्रयासों पर भी डॉक्यूमेंट्री बनाई गई हैं। कार्मिक मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक गुजरात ने भौगोलिक सूचना प्रणाली, रिमोट सेंसिंग, जीपीएस व मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल कर मनरेगा की बेहतर निगरानी को संभव कर दिखाया। अन्य राज्यों से इसे अपनाने की अपील की गई है। प्रशासनिक सुधार व जन शिकायत विभाग के सचिव संजय कोठारी ने बताया कि उनका विभाग अभी तक ऐसी 61 डॉक्यूमेंट्री बना चुका है।

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