जस्टिस वर्मा की सिफारिशों पर जल्द अमल करेगी सरकार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हर मसले पर देरी से प्रतिक्रिया देने के आरोपों से जूझते रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व के अनुभवों से सबक लिया है। दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद ऐसे आरोपों के लिए सख्त कानून का खाका तैयार करने के लिए बनी जस्टिस जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट पर जल्दी अमल का आश्वासन खुद प्रधानमंत्री ने आगे आकर दिया है। प्रधानमंत्री ने जस्टिस वर्मा को एक चिट्ठी भेजकर रिपोर्ट 30 दिन में पेश करने के लिए उनकी सराहना की है।

By Edited By: Publish:Wed, 30 Jan 2013 08:50 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jan 2013 09:50 PM (IST)
जस्टिस वर्मा की सिफारिशों पर जल्द अमल करेगी सरकार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हर मसले पर देरी से प्रतिक्रिया देने के आरोपों से जूझते रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व के अनुभवों से सबक लिया है। दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद ऐसे आरोपों के लिए सख्त कानून का खाका तैयार करने के लिए बनी जस्टिस जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट पर जल्दी अमल का आश्वासन खुद प्रधानमंत्री ने आगे आकर दिया है। प्रधानमंत्री ने जस्टिस वर्मा को एक चिट्ठी भेजकर रिपोर्ट 30 दिन में पेश करने के लिए उनकी सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने लिखा है, 'महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ कानून में बदलाव के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट को 30 दिनों में पेश कर आपने प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।' साथ ही उन्होंने जस्टिस वर्मा से वादा किया है कि सरकार महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ कानून में बदलाव को लेकर उनकी सिफारिशों पर जल्द विचार करेगी। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा ने महिला सुरक्षा के लिए सरकार से कई कदम उठाने की सिफारिश की है। इनमें विभिन्न किस्म के यौन उत्पीड़न और हिंसा से निपटने और पीड़ितों को तेजी से न्याय दिलाने के लिए नया कानून बनाना शामिल है।

दिल्ली में 23 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के सप्ताह भर बाद 23 दिसंबर को तीन-सदस्यीय समिति का गठन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किया था। समिति में हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ और पूर्व सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम भी शामिल थे। समिति ने हाल ही में सरकार को अपनी 630 पृष्ठ की रपट सौंपी है। इसमें बलात्कारियों के लिए अधिक कड़े दंडात्मक प्रावधान के लिए आपराधिक कानून में संशोधन का सुझाव दिया गया है।

गृह मंत्रालय फिलहाल वर्मा समिति की रपट का अध्ययन कर रहा है और जो भी नई सिफारिशें पाई जाएंगी, उन्हें चिह्नित कर गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा जाएगा।

भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय से आग्रह किया था कि वर्मा समिति की रपट उसे भेजी जाए, क्योंकि वह सिफारिशों को देखना चाहती है। यह भी देखना चाहती है कि आपराधिक कानून संशोधन विधेयक में ताजा सिफारिशों को शामिल किया जा सकता है या नहीं।

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