न कश्मीर में झुकेंगे और न चीन से डरेंगे- केेंद्र सरकार

गृहमंत्रालय ने कश्मीर व विदेश मंत्रालय ने सिक्किम-भूटान सीमा पर चीन के साथ जारी विवाद पर प्रजेंटेशन दी।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Sat, 15 Jul 2017 12:25 AM (IST) Updated:Sat, 15 Jul 2017 07:30 AM (IST)
न कश्मीर में झुकेंगे और न चीन से डरेंगे- केेंद्र सरकार
न कश्मीर में झुकेंगे और न चीन से डरेंगे- केेंद्र सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर देश में एक राय बनाने के लिए सरकार ने विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने की कोशिश की है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा व वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में विपक्षी दलों को यह स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार न तो देश के अंदर मौजूद अलगाववादियों के सामने झुकेगी और न ही चीन से डरेगी।

गृहमंत्रालय ने कश्मीर व विदेश मंत्रालय ने सिक्किम-भूटान सीमा (डोकलाम) पर चीन के साथ जारी विवाद पर प्रजेंटेशन दी। विपक्षी दलों ने चीन के मुद्दे पर तो सरकार को साथ देने का भरोसा दिया, लेकिन कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा है कि चीन और जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने अपनी शंकाएं सरकार के प्रतिनिधियों के सामने रखीं। सरकार को तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक विकल्प तलाशने की सलाह दी गई है।

आनंद शर्मा ने कहा है कि उनकी पार्टी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है, लेकिन विपक्ष के रूप में सरकार की नीति की खामियों को उजागर करने से भी नहीं चूकेंगे। संसद के मानसून सत्र के ठीक पहले बुलाई गई इस बैठक को चीन के साथ डोकलाम में तनातनी के मद्देनजर अहम माना जा रहा है। चीन के राजदूत के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात के तूल पकड़ने के बाद संसद में इस मुद्दे पर अलग-अलग राय सामने आने का अंदेशा बढ़ गया था। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के अनुसार सरकार ने सिक्किम विवाद को सुलझाने का भरोसा दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले के मुताबिक बैठक में यह आम सहमति थी कि भारत और चीन विवाद को अस्ताना में हुई बातचीत के मुताबिक सुलझाया जाए। कुछ विपक्षी नेताओं ने कश्मीर की स्थिति को लेकर सवाल उठाया। गृह मंत्रालय का कहना था कि जमीनी हालात अब भी बेकाबू नहीं हैं।

राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज ने विपक्षी नेताओं का आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की। रक्षामंत्री अरुण जेटली और एनएसए अजीत डोभाल भी बैठक में मौजूद थे। विपक्षी नेताओं में दो पूर्व रक्षा मंत्रियों शरद पवार और मुलायम सिंह यादव को भी बुलाया गया था। बैठक में विभिन्न दलों के कुल 19 सांसद मौजूद थे। पीआइबी के प्रधान महानिदेशक फ्रैंक नरोना ने कहा कि बाकि बचे दलों के सांसदों को शनिवार को हालात के बारे में जानकारी दी जाएगी।

 यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, विजय माल्‍या को पेश करो तभी देंगे सजा

 यह भी पढ़ें: चीन के साथ सीमा विवाद पर सरकार को मिला विपक्ष का साथ 

chat bot
आपका साथी