स्मार्ट शहरों की गुणवत्ता पर केंद्र की कड़ी नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों 'प्रगति' विचार विमर्श में स्मार्ट शहरों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 06 Sep 2017 08:18 PM (IST) Updated:Wed, 06 Sep 2017 08:18 PM (IST)
स्मार्ट शहरों की गुणवत्ता पर केंद्र की कड़ी नजर
स्मार्ट शहरों की गुणवत्ता पर केंद्र की कड़ी नजर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में प्रस्तावित एक सौ स्मार्ट शहरों को लेकर केंद्र की चिंताएं बढ़ गई हैं। चिन्हित शहरों में ढाई सौ से अधिक परियोजनाओं पर अमल शुरु कर दिया गया है। इन परियोजनाओं की गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों को दायित्व सौंपा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों 'प्रगति' विचार विमर्श में स्मार्ट शहरों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

इस दौरान चिन्हित परियोजनाओं के साथ सार्वजनिक व प्राइवेट के सहयोग से शुरु होने वाली परियोजनाओं के बारे में विस्तार से ब्यौरा पेश किया गया। कुल 370 परियोजनाओं की अनुमानित 30 हजार करोड़ रुपये के बारे में भी बताया गया। इसके मसौदे तैयार हो चुके हैं। इन परियोजनाओं पर भी जल्द ही शुरु होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने स्मार्ट सिटी प्राप्त सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को विस्तार से इस बारे में पत्र लिखा है।

इसमें बताया गया है कि जिन 261 परियोजनाओं को हरी झंडी मिल चुकी हैं, उन पर तत्काल कार्य शुरु होना चाहिए। लेकिन इस दौरान निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। सभी मुख्य सचिवों से कहा गया है कि वे परियोजनाओं के साथ होने वाले कार्यो की कड़ी समीक्षा करने के साथ उसे शुरु करायें, ताकि इसकी देखादेखी और लोग स्मार्ट सिटी के कामकाज से प्रभावित हों।

मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में परियोजनाओं के चालू करने के लिए नवंबर 2017 तक का समय दिया गया है। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को एक अप्रैल 2018 तक पूरा करने का समय दिया गया है। इसके साथ ही गुणवत्ता पूर्ण और बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को 25 जून 2018 को सम्मानित किया जायेगा। स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत शहरों को जीवंत बनाने और वहां के जीवन स्तर को ऊंचा बनाने के लिये की गई।

केंद्र की राजग सरकार ने सत्ता संभालते ही शहरी जीवन को नये मुकाम तक पहुंचाने के लिए एक सौ शहरों को स्मार्ट बनाने का ऐलान किया था। अब तक चार चरणों में 90 शहरों का चयन कर लिया गया है। अंतिम चरण की प्रतिस्पर्धा होनी बाकी है। कुल 98 हजार करोड़ रुपये की लागत से इन शहरों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

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