केंद्रीय मंत्री बोले, पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार ला सकती है अध्यादेश

पासवान ने कहा कि सरकार विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट में लंबित एस-एसटी को नौकरियों में पदोन्नति देने के मामले में भी आगे बढ़कर पैरवी करेगी।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 17 Apr 2018 07:51 PM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2018 07:51 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री बोले, पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार ला सकती है अध्यादेश
केंद्रीय मंत्री बोले, पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार ला सकती है अध्यादेश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने को लेकर सरकार गंभीर है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार इसके लिए शीर्ष अदालत में पैरवी करेगी। इसके बावजूद जरूरत पड़ी तो सरकार इसके लिए अध्यादेश जारी कर सकती है। दलित मामलों में पासवान इन दिनों सरकार की ओर से लगातार कई बयान दे चुके हैं।

पासवान ने कहा कि सरकार विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट में लंबित एस-एसटी को नौकरियों में पदोन्नति देने के मामले में भी आगे बढ़कर पैरवी करेगी। सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील करेगी। पासवान सरकार की गठित मंत्रियों के उस समूह के सदस्य भी हैं, जो दलित हितों के मामले में विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश लाने के पहले सर्वोच्च न्यायालय जाएगी।

एससी-एसटी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से उपजे राजनीतिक उफान के बाद सरकार का लगातार कई बयान आये हैं, जो दलित हितों के अनुकूल हैं। वैसे तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दायर कर दी है। पासवान के बयान को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

शीर्ष अदालत के फैसले से दलित संगठनों समेत समूचे विपक्ष को धरा धराया संवेदनशील मसला मिल गया। सरकार पर दनादन राजनीतिक हमला शुरु हो गया और कई जगहों पर हिंसक आंदोलन तक हुए। आने वाले दिनों में कई राज्यों में चुनाव होने हैं, जिन पर इस तरह के आंदोलन का विपरीत असर पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर सरकार ने दलितों की हितैषी होने के उपाय करती दिख रही है। राजग के प्रमुख घटक लोजपा के नेता पासवान को आगे किया है।

पत्रकारों से बातचीत में पासवान ने बसपा प्रमुख मायावती की दोहरी नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में मायावती के शासनकाल का जिक्र करते हुए एससी-एसटी कानून में किये गये संशोधनों का तिथिवार ब्यौरा दिया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मसले पर उन्होंने कहा कि विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी गई है, जिसके बाद आयोग अपना आदेश वापस ले लेगा।

न्यायिक सेवाओं में आरक्षण के मसले पर पूछे सवाल पर पासवान ने कहा कि उनका विचार स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि वह इंडियन जुडिशियल सर्विस के पक्षधर हैं। इसके बाद तो वहां भी आरक्षण स्वाभाविक तौर पर लागू हो जाएगा। एक अन्य सवाल पर उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि जब यह व्यवस्था लागू हो जाएगी तो फिर कोलिजियम स्वत: खत्म हो जाएगा। ऐसे में यह सवाल नहीं उठता है। 

chat bot
आपका साथी