गोपीनाथ मुंडे पर डोरे डाल रही है कांग्रेस

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे पर कांग्रेस ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। मुंडे के जरिए कांग्रेस महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पैदा हुआ नेतृत्व-संकट दूर करना चाहती है। यह संकट पिछले सप्ताह ही कांग्रेस के दिग्गज नेता विलासराव देशमुख के निधन से पैदा हुआ है।

By Edited By: Publish:Wed, 22 Aug 2012 09:01 PM (IST) Updated:Wed, 22 Aug 2012 09:40 PM (IST)
गोपीनाथ मुंडे पर डोरे डाल रही है कांग्रेस

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे पर कांग्रेस ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। मुंडे के जरिए कांग्रेस महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पैदा हुआ नेतृत्व-संकट दूर करना चाहती है। यह संकट पिछले सप्ताह ही कांग्रेस के दिग्गज नेता विलासराव देशमुख के निधन से पैदा हुआ है।

गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेता हैं। वह राज्य में एक बार आई शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन अपने रिश्तेदार एवं भाजपा के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन के निधन के बाद वह भाजपा में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसी उपेक्षा के कारण पिछले साल उनके कांग्रेस में जाने की अफवाहों ने तूल पकड़ा था। लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के विरोध केकारण तब वह कांग्रेस में नहीं आ सके थे। अब कांग्रेस स्वयं मराठवाड़ा में नेतृत्व संकट का सामना कर रही है। वहां कांग्रेस की पहचान रहे विलासराव देशमुख अब नहीं हैं। जबकि मराठवाड़ा के दूसरे कांग्रेसी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोकचह्वाण आदर्श घोटाले में फंसे हैं।

पता चला है कि कांग्रेस अब गोपीनाथ मुंडे केसहारे इस नेतृत्व संकट से पार पाना चाहती है। यहां तक कि स्वयं अशोक चह्वाण ने कहा है कि मुंडे कांग्रेस में आते हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे। मुंडे पिछड़े वर्ग के वंजारी समाज के नेता हैं। विलासराव देशमुख के परिवार से उनके मधुर संबंध रहे हैं। हाल ही में देशमुख की अंत्येष्टि के दौरान उमड़े जनसैलाब से कांग्रेस हाईकमान देशमुख के जनाधार का अनुमान लगा चुका है। अब वह स्वर्गीय विलासराव के विधायक पुत्र अमित देशमुख एवं उनके भाई दिलीप देशमुख के जरिए मराठा मतदाताओं के साथ-साथ मुंडे के जरिए पिछड़े मतदाताओं को लुभाना चाहती है। दूसरी ओर नए समीकरणों में भाजपा में मुंडे के विरोधी माने जानेवाले नेता भी उनके भाजपा छोड़ने की संभावना का यह कहते हुए खंडन कर रहे हैं कि अगले चुनाव में यदि भाजपा-शिवसेना की सरकार बनती है तो मुंडे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

स्वयं मुंडे ने भी यह कहकर अपने कांग्रेस में जाने की अफवाहों का खंडन किया है कि कांग्रेस हमें मुख्यमंत्री भी बनाना चाहे तो हम भाजपा छोड़कर नहीं जाएंगे। लेकिन कांग्रेस का एक वर्ग जल्दी ही मुंडे के कांग्रेस में आने की संभावना जता रहा है।

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