देश भर में आज गणेश चतुर्थी की धूम, जानिए- महाराष्ट्र में किस तरह की है परंपरा

लोगों के बीच भक्ति-भाव और जश्‍न का माहौल देखने लायक है। ढोल-नगाड़ों के बीच गणपति बप्‍पा मोरया के नारे लगाए जा रहे हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Fri, 25 Aug 2017 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 25 Aug 2017 11:04 AM (IST)
देश भर में आज गणेश चतुर्थी की धूम, जानिए- महाराष्ट्र में किस तरह की है परंपरा
देश भर में आज गणेश चतुर्थी की धूम, जानिए- महाराष्ट्र में किस तरह की है परंपरा

नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश भर में आज पूरे धूमधाम से गणेश्‍ा चतुर्थी मनाई जा रही है। जगह-जगह पंडाल सजे हैं, मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ जुटी है। गणपति बप्‍पा मोरया की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। पुणे और नागपुर जैसे शहरों में ढोल-नगाड़े बज रहे हैं। लोगों के बीच भक्ति-भाव और जश्‍न का माहौल देखने लायक है। 

Maharashtra : #GaneshChaturthi celebrations underway in Pune pic.twitter.com/f6niCFWtJL

— ANI (@ANI) August 25, 2017

Maharashtra: Devotees offer prayers at Nagpur's Tekdi Ganesh temple on #GaneshChaturthi pic.twitter.com/nJhqj2AJme

— ANI (@ANI) August 25, 2017

खास तौर से महाराष्‍ट्र में गणेश चतुर्थी की खूब धूम देखने को मिलती है। आज से यहां 11 दिन के गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई। संयोग से यह वर्ष लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत का सवा सौवां वर्ष भी है। इस वर्ष भी गणेशोत्सव पंडालों की झांकियों के माध्यम से अनेक मुद्दों पर जनजागृति लाने की कोशिश की जाएगी।

यूं तो महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की परंपरा काफी पुरानी है। पुणे के कस्बा गणपति की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई द्वारा की गई मानी जाती है। लेकिन गणेशोत्सव का यह त्योहार पहले निजी एवं पारिवारिक उत्सव के रूप में ही मनाया जाता था। 1893 में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने इस उत्सव को सार्वजनिक रूप देकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना दिया। तिलक ने इस उत्सव के जरिए लोगों को संगठित करने की शुरुआत की, ताकि उनके संगठन का उपयोग आजादी की लड़ाई में किया जा सके।

आज 125 वर्ष बाद सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल का स्वरूप और भव्य हो चुका है। साथ ही इसके जरिए दिए जानेवाले संदेश भी बदल गए हैं। इस वर्ष कुछ गणपति मंडल जहां अपनी झांकियों के माध्यम से चीनी माल के बहिष्कार का संदेश देते नजर आएंगे, वहीं कुछ स्वच्छता अभियान एवं किसानों की समस्या दर्शाते दिखेंगे। अंधेरी का राजा गणेशोत्सव मंडल इस बार महाराष्ट्र के मशहूर अष्टविनायकों में से एक बल्लालेश्वर मंदिर के प्रतिकृति रूप में दिखेगा, तो तिलक नगर का सह्याद्रि मंडल गणेशोत्सव जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के जरिए केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया, किसान कल्याण एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश देता दिखाई देगा।

संगठित तौर पर एक और खास मुहिम अंगदान इस वर्ष अनेक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा प्रदर्शित की जा रही है। मुंबई एव ठाणे के 40 से ज्यादा गणेशोत्सव मंडलों में इस मुहिम को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुंबई के प्रसिद्ध केईएम अस्पताल में प्रिवेंटिव एवं सोशल मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कामाक्षी भाटे कहती हैं कि हर साल करीब पांच लाख लोग उन्हें वांछित अंग न मिल पाने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। डॉ. भाटे ने मुंबई महानगरपालिका के 26 वाडरें के सहायक आयुक्तों से बात कर उन्हें इस मुहिम में सक्रिय सहयोग करने का आह्वान किया है। मुंबई के सर्वाधिक चर्चित लाल बाग का राजा गणेशोत्सव मंडल ने पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर रक्तदान की मुहिम चलाई थी।

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