कोरोना महामारी से निपटने के लिए SCO देशों की बैठक, विेदेश मंत्री एस जयशंकर भी हुए शामिल
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक पर आयोजित की गई है जिसमें सभी एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) के साथ बैठक में हिस्सा लिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक पर आयोजित की गई है, जिसमें सभी एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
इससे पहले 30 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री ने लेबनान, कोलंबिया, ग्रेनाडा, जांबिया, उरुग्वे और त्रिनिनाद एवं टोबैगो के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।
इस बैठक में उन्होंने कोलंबिया के नागरिकों को उनके देश भेजने में सहयोग करने का भरोसा दिया था। इसके अलावा ग्रेनाडा के विदेश मंत्री पीटर डेविड के साथ जयशंकर ने कोइस महामारी से निपटने में चिकित्सा सहयोग को लेकर बात की। वहीं त्रिनिनाद और टोबैगो के विदेश मंत्री डेनिस मोसेस के साथ भारतीय विदेश मंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलकर काम करने को लेकर चर्चा की गई थी।
ब्रिक्स देशों के साथ बैठक
इसके अलावा कोरोना के कारण दुनिया पर छात्र संकट से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों ने बैठक की थी। 28 अप्रैल को हुई इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए थे। यह बैठक रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। सबसे पहले रूस की तरफ से ही इस बैठक की पहल की गई थी उसके बाद अन्य देशों ने भी इस पर अपनी सहमति जाहिर की थी।
ब्रिक्स में शामिल पांच देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका- के समूह की ओर से इस महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा की गइ थी। इस बैठक में देशों ने वित्तीय, व्यापार, आर्थिक एवं सामाजिक पहलुओं को देखते हुए कोविड-19 के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस ने इस वक्त पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अब तक 41 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 2 लाख से अधिक इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।