UIDAI का स्पष्टीकरण, गूगल-फेसबुक नहीं, कुछ लोग फैला रहे आधार का डर

यूआइडीएआइ ने कहा है कि गूगल आधार को सफल नहीं होने देना चाहता, वे गलत हैं। कुछ लोग ही हैं जो चाहते हैं कि आधार सफल न हो।

By Arti YadavEdited By: Publish:Thu, 19 Apr 2018 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 19 Apr 2018 09:19 AM (IST)
UIDAI का स्पष्टीकरण, गूगल-फेसबुक नहीं, कुछ लोग फैला रहे आधार का डर
UIDAI का स्पष्टीकरण, गूगल-फेसबुक नहीं, कुछ लोग फैला रहे आधार का डर

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। यूआइडीएआइ ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिसमें उसके हवाले से कहा गया था कि गूगल नहीं चाहता की आधार सफल हो। बुधवार शाम इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए एजेंसी ने कहा कि वे मीडिया रिपोर्ट्स जिनमें कहा गया है, यूआइडीएआइ के वकील राकेश द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि गूगल आधार को सफल नहीं होने देना चाहता, वे गलत हैं। कुछ लोग ही हैं जो चाहते हैं कि आधार सफल न हो।

एजेंसी ने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के बारे में बस इतना कहा कि इन वेबसाइट्स और आधार में सूचनाओं की प्रकृति काफी अलग है, जिस कारण दोनों में तुलना नहीं की जा सकती।

मीडिया रिपोर्ट्स में राकेश द्विवेदी के हवाले से लिखा गया था कि यदि आधार सफल होता है, तो स्मार्ट कार्ड इस बिजनेस से बाहर हो जाएगा। गूगल और स्मार्ट कार्ड लॉबी नहीं चाहते कि आधार को सफल किया जाए और यही कारण है कि उनकी ओर से आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

स्पष्टीकरण में यूआइडीएआइ ने कहा कि आधार केवल मैचिंग बायोमैट्रिक्स है, अन्य ग्लोबल कंपनियां डेटा ऐनालिसिस के लिए टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं। यूआइडीएआइ कानूनी रूप से ऐसे किसी ऐनालिसिस नहीं कर सकती जो सर्विलांस के दायरे में आता हो।

यूआइडीएआइ ने कहा कि कुछ लोगों का समूह ही है जो लोगों में काल्पनिक डर पैदा कर आधार को सफल नहीं होने देना चाहता है। यूआइडीएआइ ने कहा, ‘कुछ लोग यह डर फैला रहे हैं कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जिस तरह डेटा ऐनालिटिक्स और लर्निंग टूल्स यूज करते हैं वैसा ही आधार भविष्य में कर सकता है।

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