हर राज्य में होगी कम से कम एक सोलर सिटी, हर घर की छत पर लगेंगे पैनल

हर राज्य में होगी कम से कम एक सोलर सिटी। सोलर सिटी के हर घर की छत पर लगेंगे सोलर पैनल। प्रधानमंत्री की इच्छा पर एमएनआरई ने सभी राज्यों से की गुजारिश 12 राज्य तैयार। उस शहर की सभी स्ट्रीट लाइट सोलर पैनल से जुड़ी होंगी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 08:41 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 08:41 PM (IST)
हर राज्य में होगी कम से कम एक सोलर सिटी, हर घर की छत पर लगेंगे पैनल
हर राज्य में होगी कम से कम एक सोलर सिटी, हर घर की छत पर लगेंगे पैनल

नई दिल्ली, राजीव कुमार। देश के हर राज्य में कम से कम एक सोलर सिटी बनाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह इच्छा जाहिर की है। उनकी इच्छा पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने सभी राज्यों से कम से कम एक सोलर सिटी विकसित करने की गुजारिश की है। वह शहर उस राज्य की राजधानी या कोई अन्य पर्यटक शहर हो सकता है। सोलर सिटी घोषित करने के लिए उस शहर की जरूरत की पूरी बिजली का उत्पादन नवीन व नवीकरणीय माध्यम से होना चाहिए। उस माध्यम में सोलर के अलावा अन्य स्रोत भी हो सकते हैं। सोलर सिटी में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि शहर में जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन होने पर उसे ग्रिड से माध्यम से बेच दिया जाएगा। इसी तरह अगर किसी दिन उत्पादन जरूरत से कम हुआ तो ग्रिड के माध्यम से बिजली की कमी पूरी कर दी जाएगी। एमएनआरई के मुताबिक देश के 12 राज्यों ने सोलर सिटी बनाने के लिए शहर का चयन कर लिया है। उस शहर की सभी स्ट्रीट लाइट सोलर पैनल से जुड़ी होंगी। साथ ही यातायात के सभी साधन भी हरित होंगे।

सात वर्ष पहले भी एमएनआरई ने सोलर सिटी की परिकल्पना की थी और कई शहरों को सोलर सिटी बनाने के लिए वहां के स्थानीय निकायों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयारी कर ली गई थी। लेकिन उस दिशा में कोई खास सफलता नहीं मिली।

नई व्यवस्था में छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए मकान मालिक को कोई खर्च नहीं करना होगा। इस व्यवस्था के मुताबिक शहर की बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) सोलर पैनल लगाने वाली कंपनियों को अपने यहां सूचीबद्ध करेंगी। अगर कोई मकान मालिक छत पर सोलर पैनल लगवाना चाहता है तो वह सूचीबद्ध कंपनी में से किसी एक को चुन सकता है। कंपनी अपने खर्च पर मकान मालिक की छत पर सोलर पैनल लगाएगी और बदले में उसे केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलेगी। सोलर पैनल लगाने में इस सब्सिडी के अलावा कंपनी जो खर्च करेगी उसकी भरपाई डिस्कॉम द्वारा उपभोक्ता से लिए जाने वाले शुल्क से की जाएगी।

एमएनआरई के मुताबिक पूरी तरह से हरित शहर बनते ही उस शहर की बिजली लागत काफी कम हो जाएगी और उस शहर का कार्बन उत्सर्जन स्तर पर भी काफी कम हो जाएगा।

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