खुशखबरीः 58 वर्ष के बाद निकालेंगे ईपीएफ तो मिलेगा ये लाभ

यह सुविधा ईपीएफ व ईपीएस के उन सदस्यों को मिलेगी जो 58 वर्ष की आयु के उपरांत भी एक या दो साल तक (59 या 60 वर्ष की आयु) अपनी पेंशन नहीं निकालेंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2016 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2016 10:42 PM (IST)
खुशखबरीः 58 वर्ष के बाद निकालेंगे ईपीएफ तो मिलेगा ये लाभ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से संबद्ध कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) की पेंशन के हकदार कर्मचारी अब अपनी पेंशन में 8.16 फीसद तक की बढ़ोतरी करवा सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ईपीएफ व ईपीएस के सदस्यों को इसका विकल्प देने का निर्णय लिया है।

यह सुविधा ईपीएफ व ईपीएस के उन सदस्यों को मिलेगी जो 58 वर्ष की आयु के उपरांत भी एक या दो साल तक (59 या 60 वर्ष की आयु) अपनी पेंशन नहीं निकालेंगे। एक वर्ष के विलंब से पेंशन निकालने पर मूल पेंशन में 4 प्रतिशत, जबकि दो वर्ष के विलंब से निकालने में मूल पेंशन में 8.16 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह लाभ 58 वर्ष की आयु के उपरांत योगदान करने अथवा न करने दोनों ही स्थितियों में मिलेगा।

योगदान की स्थिति में 58 वर्ष के बाद के सेवाकाल तथा वेतन को भी पेंशन की गणना में शामिल किया जाएगा। हालांकि पेंशन की पात्रता तय करने में (यानी कम से कम 10 वर्ष का सेवाकाल) इस अतिरिक्त सेवा अवधि को शामिल नहीं किया जाएगा।

दो वर्ष का वेटेज

इस बीच, पेंशनयोग्य सेवाकाल की गणना को लेकर अनेक विवादों को देखते हुए सरकार ने कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस), 1995 के अंतर्गत 20 वर्ष या इससे अधिक अवधि की सदस्यता हासिल कर चुके सदस्यों को दो वर्ष का वेटेज देने की अनुमति दे दी है। इस लाभ की गणना के लिए ईपीएस, 1995 के अलावा इससे पहले वाली फैमिली पेंशन स्कीम, 1971 के तहत गुजारे गए सेवा काल को भी शामिल किया जाएगा।

पढ़ेंः प्रोविडेंट फंड गिरवी रख घर खरीदने का सपना जल्द हो सकता है साकार

अधिक योगदान, अधिक पेंशन

यही नहीं, जिन मामलों में पेंशन स्कीम के लिए योगदान 15,000 रुपये से अधिक वेतन के आधार पर प्राप्त किया गया होगा, उनमें पेंशन की गणना भी अधिक वेतन के आधार पर ही होगी।

अनाथ पेंशन

पेंशन स्कीम में किए गए एक अन्य संशोधन के अनुसार अब अनाथ पेंशन का भुगतान केवल 25 वर्ष की उम्र तक होगा। इससे अधिक उम्र में अनाथ पेंशन केवल मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को ही मिलेगी।

नियोक्ता के हस्ताक्षर बिना ईपीएफ

ईपीएफ के त्वरित भुगतान के लिए भी कुछ सुधार किए गए हैं। मसलन, जिन सदस्यों का यूएएन (यूनीक एकाउंट नंबर) जनरेट हो चुका है, उनके लिए 10-डी-यूएएन नाम से एक सरल फार्म शुरू किया गया है। जिन सदस्यों का आधार नंबर और बैंक विवरण यूएएन के साथ संबद्ध हो चुके हैं, और जिनकी नियोक्ता द्वारा डिजिटल सिग्नेचर एवं कर्मचारी के विवरण के जरिए नियमानुसार पुष्टि की जा चुकी है, वे सदस्य क्लेम के लिए फार्म11 का प्रयोग कर सकते हैं।

ऐसे कर्मचारी अपने संबंधित ईपीएफओ कार्यालय में सीधे फार्म जमा कर सकते हैं। उन्हें नियोक्ता से हस्ताक्षर कराने की जरूरत नहीं है। बस उन्हें क्लेम फार्म के साथ अपने नाम, बैंक एकाउंट नंबर तथा आइएफएस कोड के ब्यौरे वाली कैंसिल्ड चेक साथ में लगानी होगी।

पढ़ेंः अब पीएफ का पैसा सिर्फ नेट बैंकिंग से ही होगा जमा: EPFO

chat bot
आपका साथी