चुनाव आयोग ने टीकाकरण में अपने डाटा के इस्तेमाल की दी अनुमति, बाद में डिलीट करने की भी रखी शर्त

चुनाव आयोग ने विचार-विमर्श के बाद चार जनवरी को गृह सचिव को लिखा कि उसने टीकाकरण अभियान में पूरा सहयोग देने का निर्णय किया है। साथ ही सरकार से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि डाटा का इस्तेमाल केवल टीकाकरण के लिए ही हो।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 05:34 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 05:34 PM (IST)
चुनाव आयोग ने टीकाकरण में अपने डाटा के इस्तेमाल की दी अनुमति, बाद में डिलीट करने की भी रखी शर्त
भारत में टीकाकरण की शुरुआत 16 फरवरी से होगी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए बूथ स्तर पर लाभाíथयों की पहचान करने में सरकार की 'पूरी सहायता' करेगा, लेकिन आयोग चाहता है कि अभियान समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी ये डाटा मिटा दें। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर बूथ स्तर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने में मदद करने का आग्रह किया था।

चुनाव आयोग ने विचार-विमर्श के बाद चार जनवरी को गृह सचिव को लिखा कि उसने टीकाकरण अभियान में पूरा सहयोग देने का निर्णय किया है। साथ ही सरकार से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि डाटा का इस्तेमाल केवल टीकाकरण के लिए ही हो। आयोग ने अभियान समाप्त होते ही डाटा मिटाने को भी कहा है।

सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नोडल अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे ताकि रोजाना के मुद्दों का समाधान हो सके। चुनाव आयोग के बूथ स्तर तक ठोस नेटवर्क को देखते हुए पिछले महीने स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने भी आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर टीकाकरण में उनका सहयोग मांगा था।

टीकाकरण अभियान के दिशानिर्देशों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनावों की नवीनतम मतदाता सूची से 50 वर्ष से अधिक उम्र की आबादी का पता लगाया जाएगा।

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