EC to Centre: चुनाव आयोग ने कहा- पार्टियों का पंजीकरण रद करने का अधिकार चाहिए, बताई इसकी वजहें

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद करने की शक्ति हासिल करने के लिए नए सिरे से कोशिशें शुरू की हैं। निर्वाचन आयोग पहले भी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार को पत्र लिखता रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 07:55 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 03:06 AM (IST)
EC to Centre: चुनाव आयोग ने कहा- पार्टियों का पंजीकरण रद करने का अधिकार चाहिए, बताई इसकी वजहें
चुनाव आयोग ने दलों का पंजीकरण रद करने की शक्ति हासिल करने के लिए प्रयास शुरू किया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भ्रष्टाचार में लिप्त गैरमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान करने के लिए जारी 'सफाई' अभियान के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद करने की शक्ति हासिल करने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किया है। चुनाव कानून दरअसल निर्वाचन आयोग को लोगों के समूह को एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने की शक्ति प्रदान करता है, लेकिन इसे पंजीकरण रद करने का अधिकार नहीं देता।

समझा जाता है कि हाल ही में केंद्रीय विधायी सचिव के साथ बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों का पंजीकरण समाप्त करने के लिए यह अधिकार दिए जाने पर जोर दिया था। चुनाव आयोग (ईसी) कुछ आधारों पर किसी राजनीतिक दल का पंजीकरण रद करने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार को पत्र लिखता रहा है।

निर्वाचन आयोग का मानना है कि कई राजनीतिक दल पंजीकृत हो जाते हैं, लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ते हैं। ऐसे दल सिर्फ कागजों पर होते हैं। इसी कारण से वित्तीय धांधली के रास्ते खुलते हैं। चुनाव आयोग का मानना है कि लोगों के आयकर छूट का लाभ उठाने के लिए राजनीतिक दल बनाने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों का पंजीकरण करने का अधिकार रखने वाला चुनाव आयोग धांधली के मामलों में उनका पंजीकरण रद भी कर सकता है। केवल इतना ध्यान रखना होगा कि चुनाव आयोग को यह प्राधिकार देते हुए पर्याप्त सावधानियां बरतने की भी व्यवस्था देनी होगी। संविधान के दायरे में चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र होकर काम करने की जरूरत है।

आयोग ने हाल ही में कुल 198 पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपने रजिस्टर से हटा दिया था, क्योंकि 'सफाई अभियान' के दौरान इन दलों का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया था।

हाल ही में एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा था कि गंभीर वित्तीय अनियमितता में शामिल तीन ऐसे दलों के खिलाफ आवश्यक कानूनी और आपराधिक कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को एक संदर्भ पत्र भी भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि भारत में करीब 2,800 पंजीकृत गैरमान्यताप्राप्त राजनीतिक दल हैं। आठ राजनीतिक दलों का पंजीकरण बतौर राष्ट्रीय दल और 50 से अधिक मान्यताप्राप्त राज्यस्तरीय राजनीतिक पार्टियां हैं। 

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