बोले केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा : अफसोस कि एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय भारत में नहीं

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आज यहां कहा कि उन्हें भारत में एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय नहीं बना पाने का अफसोस रहेगा।हालांकि, वे प्रयासरत रहे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 04:08 PM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 06:03 PM (IST)
बोले केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा : अफसोस कि एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय भारत में नहीं
बोले केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा : अफसोस कि एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय भारत में नहीं

जमशेदपुर (जेएनएन)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि भारत में एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बात की कोशिश हो रही है कि विक्रमशिला और नालंदा की तरह पुरातन और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भारत में बने। इसके लिए दस सरकारी और दस निजी विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है। सरकार इसे विश्वस्तरीय बनाने का पूरा प्रयास कर रही है। आवश्यक राशि एवं संसाधन मुहैया कराई जा रही है।

वे यहां पोखारी में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी का उदघाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा से सामाजिक सरोकार होना जरूरी है। संवेदनशीलता व सामाजिक सरोकार सीखे बिना शिक्षा बेकार है। कुशवाहा ने  रिसर्च बेस्ड शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध आधारित शिक्षा दे तभी शिक्षा के सही मायने होंगे।  इससे पहले मंत्री का स्वागत नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के चांसलर मदन मोहन सिंह ने किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा निदेशक अबु इमरान, कोल्हान विवि की कुलपति डॉ शुक्ला माहांती, आरका जैन विवि के कुलपति डॉ एसएस रजी, विधायक मेनका सरदार, सिटी एसपी प्रभात कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक वृजमोहन कुमार कुमार आद‍ि मौजूद थे। 

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम के पोटका एवं पटमदा प्रखंड में केन्द्रीय स्कूल के लिए जिला प्रशासन प्रस्ताव भिजवाए वे इस दिशा में आगे कदम बढ़ायेंगे। गौरतलब हो कि स्थानीय सांसद विद्युत वरण महतो ने इस आशय की मांग रखी थी। 

शिक्षक संथान की स्थापना पुण्य का काम

 मंत्री ने कहा कि शिक्षक संस्थान की स्थापना पुण्य का काम है। इसे नई पीढ़ी तैयार होती है जिसकी देश के निर्माण में भूमिका होती है।

यूजीसी का बदल रहा स्वरूप

उन्‍होंने कहा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी को भंग किए जाने की बात गलत है।यूजीसी का स्‍वरूप बदला जा रहा है जो आज के समय से हिसाब से बेहद जरूरी है। 

वर्कर्स कॉलेज में लगाए पौधे

कुशवाहा इससे पूर्व वर्कर्स कॉलेज भी गए और छात्रों और शिक्षकों से मुलाकात की। उन्होंने कॉलेज परिसर में पौधे भी लगाए। 

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