Coronavirus: अक्षय पात्र ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से एक लाख को कराया भोजन

खास तौर से दिल्ली-एनसीआर में फाउंडेशन के प्रयासों को रेखांकित करते हुए दास ने कहा कि बादली और मोहन कोआपरेटिव इलाके में दो रसोई संचालित हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 08:27 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 08:34 PM (IST)
Coronavirus: अक्षय पात्र ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से एक लाख को कराया भोजन
Coronavirus: अक्षय पात्र ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से एक लाख को कराया भोजन

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद देश भर में चल रही 55 रसोईं से अक्षय पात्र ने जरूरतमंदों के बीच करीब 1.17 लाख मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया है।

गैर सरकारी संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष भारत दास ने कहा कि बेंगलुरु स्थित एनजीओ 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान और यदि जरूरत पड़ी तो उसके बाद भी भोजन मुहैया कराता रहेगा। उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन शुरू होने के बाद देश भर के विभिन्न शहरों जैसे जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, अहमदाबाद, भावनगर, सिल्वासा, सूरत, पुणे, दिल्ली और लखनऊ में करीब 1.17 लाख मुफ्त भोजन मुहैया कराया गया है।'

रोजाना दस हजार से पंद्रह हजार लोगों को कराया जा रहा भोजन

खास तौर से दिल्ली-एनसीआर में फाउंडेशन के प्रयासों को रेखांकित करते हुए दास ने कहा कि बादली और मोहन कोआपरेटिव इलाके में दो रसोई संचालित हैं। यहां रोजाना 10,000 से 15,000 लोगों को भोजन कराया जाता है। अक्षय पात्र दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है जो दो केंद्र शासित प्रदेशों और 12 राज्यों के 19039 स्कूलों के 18 लाख से अधिक बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध करा रहा है।

नेशनल हाइवे से नहीं टूटी कतार

बता दें कि नेशनल हाईवे पर दिल्ली से लौटने वाले मजदूरों व उनके परिजनों की कतार नहीं टूट रही है। रविवार को सुबह से दोपहर और फिर शाम भी ढल गई, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी से लौटने वाले मजदूरों का क्रम नहीं टूटा था। कोरोना वायरस को लेकर 24 मार्च की रात से देश भर में लॉकडाउन है। स्थानीय अधिकांश लोग भी घरों में कैद हैं, लेकिन 26 मार्च से नेशनल हाईवे पर दिल्ली की ओर से उमडऩे वाली भीड़ अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। 

यह सिलसिला रविवार की देर शाम तक जारी था। कुछ पैदल पहुंच रहे थे तो कुछ रोडवेज बसों, निजी बसों, गैस सिलेंडर व अन्य माल वाहनों इत्यादि साधनों से लगातार सैकडों की तादाद में पहुंच रहे हैं। दिल्ली के आनंद बिहार में खासी मुसीबत का सामना कर लौटने वाले उत्तर-प्रदेश व बिहार के विभिन्न जनपदों के इन लोगों में सिर्फ युवा ही शामिल नहीं है बल्कि बच्चे, महिलाएं, युवतियां और बुजुर्ग भी शामिल हैं।

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