राजस्थान में हमलावरों की निगरानी करेंगे ड्रोन

टिड्डी दलों की निगरानी और उन्हें खत्म करने के लिए राजस्थान के गंगनगर जिले में ड्रोन को लगाया गया काम पर। खतरनाक केमिकल का करेंगे स्प्रे।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 12:53 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 01:10 PM (IST)
राजस्थान में हमलावरों की निगरानी करेंगे ड्रोन
राजस्थान में हमलावरों की निगरानी करेंगे ड्रोन

नई दिल्ली, आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने में महज कुछ घंटे बाकी हैं और सुरक्षा इंतजाम बहुत कड़े किए गए हैं। राजस्थान में भी सुरक्षा बहुत कड़ी निगरानी रखी जा रही है, वो भी ड्रोन से। ड्रोन भी खास कैमिकल से लैस हैं, ताकि दुश्मन के दिखते ही घातक स्प्रे किया जा सके। 

रुकिए, दिमाग के घोड़े दौड़ाने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा का कोई खतरा नहीं है, खतरे में है अपनी खेती। जी, हम बात कर रहे हैं टिड्डी दलों के हमले से, जिनसे इस समय भारत और पाकिस्तान के साथ खाड़ी देश जूझ रहे हैं। 

39 हजार हेक्टेयर से अधिक की फसल अब तक गुजरात और राजस्थान में टिड्डियों के हमले में बर्बाद हो चुकी है, जबकि पाकिस्तान में तो 40 फीसद से ज्यादा फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। अब राजस्थान में केंद्र और ज्य सरकार ने ड्रोन इंडस्ट्री से मदद मांगी है। कंपनियों ने भी तुरंत मदद देने का फैसला किया है। यूएवी (अनमैनड एरियल व्हीकल) के जरिये इन खतरनाक टिड्डियों पर रखी जा रही है। सरकार के साथ काम कर रही आइओटेक वर्ल्ड के सीईओ दीपक भारद्वाज ने बताया कि गुजरात में किए गए ट्रायल सफल रहे हैं।

अब केंद्रीय कृषि मंत्रालय की इजाजत के बाद हम राजस्थान में काम शुरू कर रहे हैं। हमारे यूएवी में मेथोरिन नाम का कैमिकल भी लोड किया जाएगा, जिसे टिड्डियों के ऊपर डाला जाएगा, जिससे उनका खात्मा हो सके। इसके लिए सुमिटोमो केमिकल की मदद भी मिल रही है। इस काम को हम महज पांच मिनट में पूरा कर लेंगे। उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना के वारंगल, महबूबनगर, रंगारेड्डी जिलों में ड्रोन से निगरानी की जा चुकी है। 

मारुत ड्रोनोटेक के संस्थापक प्रेम कुमार ने बताया कि हम हवाओं के रुख के कारण टिड्डियों का अंदाजा लगा सकते हैं और प्रभावी कदम उठा सकते हैं। स्काईमेट की एग्री बिजनेस की रेखा मिश्रा ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों को राजस्थान के गंगानगर जिले में मदद के लिए बुलाया गया है। 

सस्ता और प्रभावकारी कदम

केमिकल के स्प्रे को हाथों से करना बहुत महंगा और समय लेने वाली प्रक्रिया होती है। वहीं टिड्डी दलों की निगरानी मैनुअली करने का कोई बहुत वैज्ञानिक प्रक्रिया आज तक नहीं बनी।  हवाओं के रुख को देखकर बस अनुमान लगाया जाता है। ड्रोन से निगरानी पुख्ता होती है, केमिकल स्प्रे बहुत कम समय में और कम केमिकल का इस्तेमाल करके प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाता है। 

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