डॉक्टरों ने शाम को किया मृत घोषित, सुबह देखा तो धड़कन चल रही थी

मंगलवार शाम पांच बजे पीजी डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। परिजन रोते-बिलखते शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का इंतजार कर रहे थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 11:52 PM (IST)
डॉक्टरों ने शाम को किया मृत घोषित, सुबह देखा तो धड़कन चल रही थी
डॉक्टरों ने शाम को किया मृत घोषित, सुबह देखा तो धड़कन चल रही थी

 नईदुनिया, रायपुर। डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल अस्पताल रायपुर में भर्ती जिस महिला को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था, वह उसके बाद भी 24 घंटे तक जिंदा रही। दूसरे दिन उसकी मौत इलाज के दौरान हुई।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल में 15 सितंबर को रायगढ़ के कनाटा हर्डी निवासी चमरिन बाई को भर्ती कराया गया था। दुर्घटना में सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसका चिकित्सकों ने ऑपरेशन किया था। मंगलवार शाम पांच बजे पीजी डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। परिजन रोते-बिलखते शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का इंतजार कर रहे थे।

रात भर महिला का शव वार्ड के बिस्तर पर ही पड़ा रहा। बुधवार सुबह 10:10 बजे अस्पताल का वार्ड ब्वॉय मृतक की सूचना (डेथ मेमो) लेकर मौदहापारा थाने पहुंचा। मौदहापारा पुलिस पंचनामा के लिए करीब 11 बजे थाने से निकली, इसी बीच मृत घोषित महिला के शरीर में हरकत देख परिजनों ने चिकित्सकों को सूचना दी। जांच करने पर महिला की धड़कन चलती मिली।

आनन-फानन में उसे ऑक्सीजन लगाकर ड्रिप चढ़ाई गई। इंजेक्शन दिए जाने लगे। महिला ने बुधवार शाम करीब पांच बजे दम तोड़ा। चिकित्सालय प्रबंधन ने ड्यूटी पर तैनात रहे चिकित्सकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

ऐसे करते हैं मृत घोषित 
पल्स देखना, आंख की पुतली देखना और ईसीजी लेना। ईसीजी से दिल की धड़कन का पता नहीं चलने पर मृत घोषित कर दिया जाता है।

'सस्पेंडेड एनिमेशन' मान रहे चिकित्सक 
चिकित्सकों ने मृत घोषित करने से पहले महिला की ईसीजी कराई या नहीं, यह जांच में स्पष्ट होगा, लेकिन कुछ चिकित्सक कहते हैं कि कुछ अपवाद केस में मरीज की पल्स, पुतली, धड़कन कुछ देर के लिए स्थिर हो जाने के मामले सामने आते रहे हैं। इसे 'सस्पेंडेड एनिमेशन' कहा जाता है।

chat bot
आपका साथी