रामनगरी अयोध्या में इस साल त्रेता युग जैसी मनेगी दिवाली

अयोध्या में अबके त्रेता सी रौनक...कल योगी करेंगे राम का राज्याभिषेक

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 17 Oct 2017 11:27 AM (IST) Updated:Tue, 17 Oct 2017 12:01 PM (IST)
रामनगरी अयोध्या में इस साल त्रेता युग जैसी मनेगी दिवाली
रामनगरी अयोध्या में इस साल त्रेता युग जैसी मनेगी दिवाली

अयोध्या (जेएनएन)। अयोध्या में इस बार त्रेता युग सी दीवाली मनेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक आयोजन की कमान संभाली है। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अयोध्या को त्रेता की उस परिकल्पना के अनुरूप ही सजाया-संवारा गया है, जैसे कि लंका विजय के बाद भगवान राम के आगमन पर अयोध्या वासियों द्वारा सजाया-संवारा गया था। लोगों में उत्साह भी कुछ वैसा ही दिख रहा है। दीवाली से एक दिन पूर्व स्वत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों समेत यहां भगवान राम का तिलक करेंगे। अयोध्या वासियों में जबरदस्त उत्साह है। हर आयु वर्ग के लोग अपनेघरों को सजाने में जुटे हुए हैं। घर-आंगन में दीपमाला, फूलमाला, रंगोली, रंगबिरंगी रोशनी इत्यादि की गई है।

सज गई अयोध्या नगरी: दशरथ महल, राम महल, सरयू समाधि स्थल को नया रूप दिया गया है। सरयू घाट के दोनों तटों को सजाया गया है। दोनों ओर बने भवनों व दीवारों पर राम कथा के सुंदर चित्रों को उकेरा गया है। नगर के सभी घरों-भवनों को रंग-रोगन कर सजाया संवारा गया है। अयोध्या वासियों से आग्रह किया गया था कि वे अपने घर-आंगन में रंगोली-फूलमाला-तोरन लगाएं। प्रशासन ने जनता से आग्रह किया है कि उसी उमंग और उत्साह के साथ दीवाली मनाएं, जैसे त्रेता में राम के आगमन पर मनी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को हर हाल में भव्य बनाने में जुटी हुई है। इसके लिए दो इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को भी काम पर लगाया गया है।

कल होंगे ये कार्यक्रम: 18 अक्तूबर को अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भगवान राम का राज्याभिषेक इनमें प्रमुख होगा। योगी आदित्यनाथ भगवान राम का राजतिलककरेंगे। मुख्य कार्यक्रम स्थल सरयू तट स्थित राम कथा पार्क को बनाया गया है। इससे पूर्व अयोध्या नगरी में भव्य शोभायात्रा, राम-बारात निकाली जाएगी। शहर में प्रवेश के मुख्य मार्ग रानोपली तिराहे से आयोजन स्थल सरयू तट तक के मार्ग को सजाया-संवारा गया है। शोभायात्रा के लिए विशेष रथों का निर्माण कराया गया है। हाथी-घोड़े भी जुट चुके हैं। राम के जीवन चरित्र को प्रस्तुत करने वाली मोहक झांकियां तैयार की गई हैं। यह पहला अवसर होगा जब सरकारी प्रयास से अयोध्या में दीवाली मनाई जाएगी। कार्यक्रम को भव्यता देने के लिए देश के चुनिंदा कलाकारों को बुलाया गया है। 24 नृत्य विधाओं के कलाकार प्रस्तुती देंगे। इंडोनेशिया और श्रीलंका की रामलीली कमेटियां भी प्रस्तुती देंगी।

सरयू तट पर दो लाख दीपक : सरयू तट पर दो लाख दीये प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। इसके लिए 14 हजार लीटर सरसों व तिल के तेल का इंतजाम किया गया है। दीपावली के मौके पर अयोध्या में एक लाख 72 हजार दीपक जलाकर रिकॉर्ड भी बनाया जाएगा। दीपक जलाने का दायित्व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि को सौंपा गया है। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के साथ ही कई कॉलेजों के छात्र व शिक्षक शामिल होंगे।

यह है परंपरा : दीप पर्व का पहला दीया अयोध्या के रामलला के समक्ष प्रज्ज्वलित करने की परंपरा रही है। त्रेता युग से यह परंपरा चली आई है। दीप प्रज्ज्वलन के लिए ओरछा धाम स्थित कल्पवृक्ष हनुमान मंदिर से दीया और बाती भेजे जाते हैं। इसके बाद दशरथ महल में दीप जलाए जाते हैं। यहां रखे दीपों की बाती से ही हनुमानगढ़ी सहित अन्य मंदिरों में दीप जलाए जाते हैं। संतों की मानें तो करीब साठ साल पहले ही उन्होंने अयोध्या में भव्य दीवाली देखी थी। मान्यता है कि भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या की ओर बढ़े। सूचना मिलते ही भरत नंदीग्राम से अयोध्या पहुंचे और लोगों को स्वागत की तैयारियां करने को कहा। घर-घर दीप जलाए गए। दीपावली की यह परंपरा तभी से चली आ रही है। अयोध्या में राम का राज्याभिषेक करने की परंपरा भी रही है।

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