India Coronavirus Updates: अगले चरण में छोटे शहरों और गांवों में होगी कोरोना संक्रमितों की पहचान

India Coronavirus Updates स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में भारत में 1993 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 04:12 PM (IST) Updated:Fri, 01 May 2020 06:01 PM (IST)
India Coronavirus Updates: अगले चरण में छोटे शहरों और गांवों में होगी कोरोना संक्रमितों की पहचान
India Coronavirus Updates: अगले चरण में छोटे शहरों और गांवों में होगी कोरोना संक्रमितों की पहचान

नई दिल्‍ली, एएएनआइ। कोरेाना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थिति में  सुधार के लिए शुक्रवार को स्‍वास्‍थ्‍य और गृह मंत्रालय की संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस हुई। इस मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में भारत में 1,993 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मामले 35,043 हो गई है, इसमें से 25,007 मामले सक्रिय हैं। 24 घंटे में लगभग 600 लोग ठीक भी हुए। 

कोरोना का रिकवरी रेट बढ़कर 25.37 हो गया है। देश के जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा गया है। जहां भी रेड जोन आए हैं वहां चेन को ब्रेक किया जाए।     

अगले चरण में छोटे शहरों और गांवों में संक्रमितों की पहचान  

लव अग्रवाल ने कहा कि अगले चरण की रणनीति के तहत छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के अंदर संभावित संक्रमितों की पहचान करे उनके संपर्क में आने वालों की तलाश से लेकर इलाज का पुख्ता व्यवस्था का इंतजाम किया जाना है। अब गांव-गांव में कंटेनमेंट जोन की पहचान की जाएगी और स्पेशल टीमें बनाकर घर-घर की जांच की जाएगी।

छोटे-छोटे इलाके घोषित होंगे कंटेनमेंट जोन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब लड़ाई चेन ऑफ ट्रांसमिशन को ब्लॉक करने की है। इसके लिए हर संभावित संक्रमित और उसके संपर्क में कौन-कौन आया, उन सभी का पता लगाने का अभियान छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीज किन-किन इलाकों में हैं, उसका विश्लेषण किया जाएगा। सोची-समझी रणनीति बनाकर जहां केस आए हैं, वहां कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा सकते हैं। इनमें कोई आवासीय कॉलनी, मोहल्ला, म्यूनिसिपल वॉर्ड, पुलिस स्टेशन एरिया, निगम क्षेत्र या पूरा शहर आ सकता है।

घर-घर और गांव-गांव तलाशी का अभियान

उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव या कुछ गांवों का समूह या थाना क्षेत्र, ग्राम पंचायत या प्रखंड, इस तरह के इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करना होगा। इसके साथ हर कंटेनमेंट जोन में एक बफर जोन भी बनाना होगा ताकि इलाके की गतिविधियों और जरूरतों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि बफर जोन में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

भारत में 2.01 करोड़ पीपीई किट की मांग 

इमपावर्ड ग्रुप-3 के चेयरमैन पीडी बघेल ने कहा कि डीआरडीओ ने भारत के निर्माताओं ने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिए 3 प्रकार के नए पीयू कोटेड नायलॉन/पॉलिएस्टर विकसित किए हैं। भारत में पीपीई किट की मांग 2.01 करोड़ की है। हमने 2.22 करोड़ किट के आदेश दिए हैं, जिसमें से 1.42 करोड़ किट घरेलू बाजार में खरीदे जा रहे हैं। देश में प्रतिदिन 1.87 लाख किट का उत्पादन किया जा रहा है। देश में कुल 75,000 वेंटिलेटर की मांग है। इस समय कुल 19,398 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं और 60,884 वेंटिलेटर का आदेश दिया गया है। 

उन्‍होंने कहा कि चार लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, 1 लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडरों के ऑर्डर दिए गए हैं। औद्योगिक ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में भी परिवर्तित किया जा रहा है। 35 लाख RT-PCR किट की मांग है; ICMR ने 21.35 लाख किट के लिए ऑर्डर दिया है। हमें अब तक 13.75 लाख किट मिले हैं।  

 
 

In the last 24 hours, 1993 positive cases reported; the total number of positive cases is now 35,043: Lav Agrawal, Joint Secy, Health Ministry pic.twitter.com/F2oP1zpTEM — ANI (@ANI) May 1, 2020

 इस मौके पर गृह मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव पुण्‍य सलिला श्रीवास्‍तव ने कहा कि सिविल एविएशन मंत्रालय 416 लाइफ लाइन विमानों को संचालन कर राशन दूर दराज के स्थानों तक पहुंचा रहा है। CISF और बीएसफ के जवान भी कोरोना से लड़ाई में सहयोग कर रहे हैं। बीएसएफ ने अपने पट्रोलिंग बढ़ाई है।  

62 लाख टन गेहूंं और चावल भारतीय खाद्य निगम से लिफ्ट किया गया

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जो अतिरिक्त खाद्यान का आवंटन किया गया था उसके तहत 62 लाख टन गेहूंं और चावल भारतीय खाद्य निगम से लिफ्ट किया गया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को दोहराया है कि ट्रकों और माल वाहक के यातायात के लिए अलग-अलग पास की आवश्यकता नहीं है, जिसमें खाली ट्रक आदि शामिल हैं। 

मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को निकालने के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन

उन्‍होंने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को निकालने के लिए स्पेशल ट्रेन को भी सरकार ने अनुमति दी है। इसके लिए रेलवे बोर्ड व्यवस्था करेगा। ज्ञात हो कि प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के लिए विशेष ट्रेनें आज लिंगमपल्ली से हटिया, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से लखनऊ, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक चलाने की योजना बनाई गई है। रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार और राज्यों के अनुरोध पर ही किसी अन्य ट्रेन की योजना बनाई जाएगी।

रेल मंत्रालय का कहना है कि ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों को भेजने और प्राप्त करने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे और राज्य सरकारें इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।  

केवल इंफेक्‍शन रहित यात्रियों को ही यात्रा अनुमति दी जाएगी। राज्य सरकारों को सामाजिक सुरक्षा मानदंडों और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए सैनिटाइज बसों में नामित रेलवे स्टेशन पर बैच में यात्रियों को लाना होगा। 

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