डिस्कॉम पर बकाया 1.41 लाख करोड़ पर पहुंचा, पिछले साल मोहलत के बाद भी नहीं हुआ भुगतान

पिछले वर्ष नवंबर में कुल पिछला बकाया 129868 करोड़ रुपये रहा। आंकड़े के अनुसार बिजली उत्पादक कंपनियों के बकाये में राजस्थान महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश जम्मू कश्मीर तेलंगाना आंध्र प्रदेश कर्नाटक झारखंड हरियाणा और तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 09:15 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 09:15 AM (IST)
डिस्कॉम पर बकाया 1.41 लाख करोड़ पर पहुंचा, पिछले साल मोहलत के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
डिस्कॉम पर बकाया 1.41 लाख करोड़ पर पहुंचा, पिछले साल मोहलत के बाद भी नहीं हुआ भुगतान

नई दिल्ली, प्रेट्र। बिजली उत्पादक कंपनियों का वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम पर बकाया नवंबर, 2020 में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1,41,621 करोड़ रुपये पहुंच गया। प्राप्ति पोर्टल के अनुसार नवंबर, 2019 में डिस्कॉम पर 1,04,426 करोड़ रुपये बकाया था। पिछले वर्ष नवंबर में कुल पिछला बकाया 1,29,868 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी माह में 93,215 करोड़ रुपये था।

पिछला बकाया का मतलब यह है कि इस राशि का भुगतान 45 दिनों की मोहलत के बाद भी नहीं किया गया। पोर्टल पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कुल बकाया मासिक आधार पर भी बढ़ा। अक्टूबर, 2020 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,39,057 करोड़ रुपये और पिछला बकाया 1,26,444 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली की राशि के भुगतान के लिए 45 दिनों का समय देती हैं। अगर इस अवधि में भुगतान नहीं किया जाता है तो वह पूर्व बकाया राशि के खाते में चला जाता है, जिस पर डिस्कॉम को ब्याज भी देना होता है।

आंकड़े के अनुसार बिजली उत्पादक कंपनियों के बकाये में राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा और तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। सरकारी कंपनियों में अकेले एनटीपीसी का डिस्कॉम पर बकाया 19,215.97 करोड़ रुपये का बकाया था। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडानी पावर का सर्वाधिक 20,242.74 करोड़ रुपये बकाया था।

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