जाकिर की संस्था पर रोक को दिल्ली हाई कोर्ट की मुहर

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि आइआरएफ की केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ लगाई गई याचिका में कोई दम नहीं है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Thu, 16 Mar 2017 08:32 PM (IST) Updated:Thu, 16 Mar 2017 10:55 PM (IST)
जाकिर की संस्था पर रोक को दिल्ली हाई कोर्ट की मुहर
जाकिर की संस्था पर रोक को दिल्ली हाई कोर्ट की मुहर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) पर लगाए गए प्रतिबंध को दिल्ली हाई कोर्ट ने देशहित में बताया है। अदालत ने गृह मंत्रालय के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि आइआरएफ की केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ लगाई गई याचिका में कोई दम नहीं है। सरकार का फैसला न तो गैरकानूनी है और न ही मनमाना। यह फैसला देश की अखंडता, संप्रभुता और प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अदालत ने सरकार के इस तर्क पर सहमति जताई कि आइआरएफ की गतिविधियों के कारण युवा आतंकी गतिविधियों की तरफ प्रेरित हो सकते हैं।

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केंद्र की तरफ से अदालत में कहा गया कि केरल के छात्र के आइएस से जुड़ने के बाद उसके पिता की शिकायत पर मुंबई पुलिस आइआरएफ के छह सदस्यों के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है। पीठ ने पहली फरवरी को सुरक्षित रख लिया था। आइआरएफ की तरफ से याचिका में कहा गया था कि 17 नवंबर 2016 को गृह मंत्रालय द्वारा संस्था को प्रतिबंधित करने का नोटिफिकेशन जारी करना मनमाना फैसला है।

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गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत तुरंत ही संस्था को प्रतिबंधित करने का निर्णय ले लिया गया।

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