दलाई लामा ने खुद को बताया मा‌र्क्सवादी

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने खुद को सही मायने में 'मा‌र्क्सवादी' बताते हुए कहा कि वर्तमान में बहुत से मा‌र्क्सवादी नेता पूंजीवादी विचारधारा के हो गए हैं। मंगलवार को प्रेसिडेंसी कॉलेज में 'विश्व शांति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण' विषय पर व्याख्यान में उन्होंने कहा, 'जहां तक सामाजिक-आर्थिक सिद्धांत की बात

By manoj yadavEdited By: Publish:Tue, 13 Jan 2015 08:03 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jan 2015 08:08 PM (IST)
दलाई लामा ने खुद को बताया मा‌र्क्सवादी

जागरण संवाददाता, कोलकाता। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने खुद को सही मायने में 'मा‌र्क्सवादी' बताते हुए कहा कि वर्तमान में बहुत से मा‌र्क्सवादी नेता पूंजीवादी विचारधारा के हो गए हैं। मंगलवार को प्रेसिडेंसी कॉलेज में 'विश्व शांति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण' विषय पर व्याख्यान में उन्होंने कहा, 'जहां तक सामाजिक-आर्थिक सिद्धांत की बात है तो मैं अभी भी मा‌र्क्सवादी हूं। मैं मा‌र्क्सवाद को इसलिए पसंद करता हूं क्योंकि यह अमीर-गरीब के बीच के अंतर को कम करने पर केंद्रित है।'

दलाई लामा ने कहा कि पूंजीवादी देशों में अमीर-गरीब के बीच का फासला बढ़ रहा है। मा‌र्क्सवाद में समानता पर जोर दिया जाता है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में महिलाओं एवं निचली जाति के साथ हो रहे भेदभाव की वजह से शांति प्रभावित हो रही है। उन्होंने 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों से 21वीं सदी को शांति की सदी में बदलने का आह्वान करते हुए कहा-'पिछली सदी हिंसा की सदी रही, लेकिन हम अगली सदी को शांति की सदी बन सकते हैं।

युवाओं को अपनी इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता से हिंसा रोकनी चाहिए।' कहा, मुझे 16 वर्ष की उम्र में भागना पड़ा था। मुझे अपनी आजादी और देश खोना पड़ा था, लेकिन भारत एक स्वतंत्र देश है, इसलिए यहां मुझे पूरी आजादी है। उन्होंने जोर देकर कहा-'भारत गुरु है और लोग चेला। हम सब चेले बहुत भरोसेमंद हैं। हमने एक हजार वर्षों से भी अधिक समय से गुरु के ज्ञान को बरकरार रखा है।'

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