CRPF जवान मनोज तोमर एम्स में भर्ती, सर्जरी आज, पॉलिथिन में आंत रखकर जीने को थे मजबूर

सीआरपीएफ जवान मनोज तोमर की गुरवार को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में सर्जरी की जाएगी। मनोज पॉलिथिन में आंत रखकर जीने को मजबूर थे।

By Arti YadavEdited By: Publish:Thu, 29 Mar 2018 08:35 AM (IST) Updated:Thu, 29 Mar 2018 08:35 AM (IST)
CRPF जवान मनोज तोमर एम्स में भर्ती, सर्जरी आज, पॉलिथिन में आंत रखकर जीने को थे मजबूर
CRPF जवान मनोज तोमर एम्स में भर्ती, सर्जरी आज, पॉलिथिन में आंत रखकर जीने को थे मजबूर

दिल्ली, (ब्यूरो)। 2014 में नक्सली हमले में सात गोलियां लगने के बाद आंत का एक हिस्सा पेट से बाहर लेकर घूमने को मजबूर सीआरपीएफ जवान मनोज तोमर की गुरवार को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में सर्जरी की जाएगी। चिकित्सक दल ने बुधवार को शुरुआती जांच के बाद सर्जरी का करने का निर्णय लिया।

एम्स प्रवक्ता के मुताबिक, मनोज को एम्स के ट्रॉमा सेंटर वार्ड में भर्ती किया गया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उच्च अधिकारियों की देखरेख में मनोज को ग्वालियर स्थित उनके निवास से वातानुकूलित एंबुलेंस में बुधवार को दिल्ली यहां लाया गया। मध्यप्रदेश शासन की ओर से एक डॉक्टर और एक राजस्व अधिकारी को मनोज के साथ भेजा गया है, ताकि उन्हें यहां कोई परेशानी न हो। मनोज की देखरेख के लिए सीआरपीएफ अधिकारियों की टीम भी मौजूद है।

एम्स के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि  डॉ. प्रो. विप्लव शर्मा के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने बुधवार को मनोज तोमर का चेकअप किया। चिकित्सक दल ने उनके पेट की तुरंत सर्जरी करने का निर्णय लिया, जिसके बाद उन्हें रात 9.30 बजे ट्रॉमा सेंटर के वार्ड में भर्ती किया गया। गुरुवार को उनकी सर्जरी की जाएगी।

पॉलिथिन में आंत रखकर जीने को मजबूर थे तोमर

बता दें कि मुरैना में रहने वाले जवान मनोज सिंह मार्च 2014 में छत्तीसगढ़ के सुकमा नक्सली मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मुठभेड़ में मनोज के पेट में सात गोलियां लगीं थी। उस हमले में 11 जवान शहीद हो गए थे। सिर्फ मनोज ही हमले में बच सके। घायल मनोज की जान तो बचा ली गई, लेकिन वह सामान्य नहीं हो पाए। उनकी आंते पेट से बाहर ही रहीं और एक आंख की रोशनी भी चली गई। मनोज पेट से बाहर निकली आंत पॉलीथिन में लपेटकर जीवन बिताने को मजबूर हैं। मनोज ने अपनी 16 साल की सेवा अवधी में सीआरपीएफ और एसपीजी कमांडो के तौर पर काम किया है।

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