तब्लीगी जमात के सम्मेलनों से कई देशों में फैला कोरोना, जानें कहां-कहां फैलाया वायरस

तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन इलाके में हुए सम्मेलन ने देश के कई हिस्से में कोरोनावायरस को फैलाने का काम किया है दूसरे कई देशों में जमात के दूसरे सम्मेलनों ने महामारी को फैलाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 07:36 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 07:50 PM (IST)
तब्लीगी जमात के सम्मेलनों से कई देशों में फैला कोरोना, जानें कहां-कहां फैलाया वायरस
तब्लीगी जमात के सम्मेलनों से कई देशों में फैला कोरोना, जानें कहां-कहां फैलाया वायरस

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन इलाके में हुए सम्मेलन ने जिस तरह से देश के कई हिस्से में कोविड-19 कोरोनावायरस को फैलाने का काम किया है, उसी तरह से दूसरे कई देशों में इस जमात के दूसरे सम्मेलनों ने इस महामारी को फैलाया है। पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर में दो हफ्ते पहले इस जमात के समारोह में शामिल हुए ढ़ाई लाख लोग शामिल हुए थे और अभी तक जो सूचना मिली है उसके मुताबिक इसमें शामिल लोगों ने ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि कुवैत, फिलीपींस, ट्यूनिशिया तक में कोविड-19 महामारी को फैलाया है। पाकिस्तान की मीडिया ने इस सम्मेलन की स्वीकृति देने के लिए पीएम इमरान खान की सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। जबकि मलयेशिया में इस गैर राजनीतिक संगठन के एक समारोह से दक्षिणी पूर्वी एशिया के कम से कम 6 देशों में इस महामारी को फैलने की आशंका है। 

दिल्‍ली में हुए सम्‍मेलन में दो हजार लोग हुए थे शामिल 

दिल्ली में तब्लीगी जमात का सम्मेलन 13 से 15 मार्च, 2020 के बीच हुआ था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे जिसमें 700-800 विदेशी थे। यह भी जांच की जा रही है कि विदेशी नागरिक किस तरह का वीजा लेकर इसमें शामिल हुए थे। अभी तक गृह मंत्रालय ने कभी इसकी छानबीन नहीं की लेकिन माना जा रहा है कि ये सभी टूरिस्ट वीजा पर आते रहे हैं जबकि असलियत में इन्हें कांफ्रेंस वीजा लेना चाहिए। अभी गृह मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है और जो भी वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उनको हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का विकल्प भी सरकार आजमाने से नहीं हिचकेगी। जमात की इस तरह की बैठक अक्सर एक-दो महीने पर होती है जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी आते रहे हैं। 

पाकिस्तान के लाहौर में तब्लीगी जमात के सम्मेलन से कई देशों में फैली महामारी

पाकिस्तान के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक लाहौर में 11 मार्च से 15 मार्च तक तब्लीगी जमात का बहुत ही बड़ा जलसा हुआ था। इसमें तकरीबन 2.5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने जमात को सम्मेलन नहीं करने की सलाह इस आधार पर नहीं दी थी कि इससे महामारी का प्रसार होगा बल्कि खराब मौसम का कारण बताया गया था। इसके बावजूद यह सम्मेलन हुआ था। अब पाकिस्तान में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 1400 से ज्यादा हो गई है तब अधिकारियों ने लाहौर सम्मेलन से लौटे लोगों की जांच पड़ताल शुरु की है। इसमें से हिस्सा ले कर लौटे दो फिलिस्तीनियों में कोरोनावायरस पाये गये हैं। ट्यूनिशिया, कुवैत जैसे देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के संक्रमण के कुछ मामलों के तार जमात के लाहौर सम्मेलन से ही जुड़े हुए हैं।

मलयेशिया में जमात के सम्मेलन से छह देशों में हुआ कोरोना का प्रसार

पाकिस्तान की तरह ही मलयेशिया में ही इस जमात का एक सम्मेलन हुआ था। जिसमें 16 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। बाद में मलयेशिया में 620 कोरोना के मरीज ऐसे मिले जिन्होंने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों ने ब्रुनेई, थाईलैंड, इंडोनेशिया समेत छह दक्षिणी पूर्वी देशों में कोरोनावायरस का प्रसार किया है। यही वजह है कि तब्लीगी जमात को अभी समूचे एशिया में कोरोना को फैलाने वाला सबसे बड़ा वजह बताया जाने लगा है।

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