Stay Home Stay Empowered: कोरोना के नए स्ट्रेन को रोकने के लिए क्या करना होगा, वैज्ञानिकों ने बताया उपाय

जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के एक आपातकालीन चिकित्सक और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोफेसर लीना वेन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर हमें उस तरह का लक्ष्य बनाना होगा जैसा इंसान ने चांद पर जाने के लिए बनाया था। एक सुस्त टीकाकरण कार्यक्रम पूरी कोशिश को बेकार कर देगा।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 10:30 AM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 10:36 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered: कोरोना के नए स्ट्रेन को रोकने के लिए क्या करना होगा, वैज्ञानिकों ने बताया उपाय
कोशिका से वायरस की हजारों कॉपी निकलती हैं। डुप्लिकेशन में गड़बड़ी हो जाए तो वायरस का दूसरा वर्जन बनता है।

नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिकी वायरस विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान में दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन की जो रफ्तार है, वह बेहद धीमी है। इसे तेज करना होगा। वरना, यह अधिक आशंका है कि नए वेरिएंट कोरोना संक्रमण की पुरानी प्रतिरक्षा को तोड़ दें। इससे वे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं, जिन्होंने कोरोना का टीका लगवा रखा होगा।

जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के एक आपातकालीन चिकित्सक और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोफेसर लीना वेन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर हमें उस तरह का लक्ष्य बनाना होगा, जैसा इंसान ने चांद पर जाने के लिए बनाया था। एक सुस्त टीकाकरण कार्यक्रम पूरी कोशिश को बेकार कर देगा। इसलिए किसी भी कीमत पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन को बेहद तेज करना होगा।

अमेरिका में वैक्सीनेशन की रफ्तार क्या है और क्या होनी चाहिए

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरुआत में एक मिलियन टीका रोज लगवाने की योजना बनाई थी। वह चाहते थे कि 100 दिनों में कम से कम 100 मिलियन कोविड टीके लगाए जाएं। अपने राष्ट्रपति पद के पांचवें दिन, जो बाइडेन ने कहा कि प्रति दिन 1.5 मिलियन शॉट्स लगाए जाएंगे। बाइडेन प्रेसीडेंसी में टीकाकरण की दर में वृद्धि जारी है। अमेरिका लगभग उस मुकाम को हासिल करने के लिए आवश्यक गति तक पहुंच गया है। पिछले सप्ताह में प्रति दिन 1.48 मिलियन शॉट्स लगाए गए। पर क्या टीकाकरण की इतनी रफ्तार काफी है। विशेषज्ञों की मानें तो नहीं, टीकाकरण की यह रफ्तार अच्छी नहीं है। स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के संस्थापक इरिक टोपोल के मुताबिक, अमेरिका को रोज कम से कम 3 मिलियन से 5 मिलियन तक टीके लगाने चाहिए।

वैक्सीनेशन की रफ्तार और हर्ड इम्यूनिटी

-1 मिलियन रोज टीका लगाता है तो अमेरिका अक्तूबर 2022 तक सबको टीका लगा पाएगा

-2.8 मिलियन लोगों को टीका लगे तो अमेरिका में इस साल 6 सितंबर तक सभी को टीका लग जाएगा

-3.5 मिलियन टीका रोज लगे तो अमेरिका इस साल 28 मई तक हर्ड इम्यूनिटी का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

तेज टीकाकरण से कैसे कोरोना का नया वैरिएंट जन्म नहीं लेगा

कोरोना वायरस व्यक्ति की कोशिका में पहुंचते ही उन्हें फैक्ट्री में बदल देता है और हर कोशिका से वायरस की सैकड़ों-हजारों कॉपी निकलती हैं। अगर डुप्लिकेशन के दौरान कुछ गड़बड़ी हो जाए तो वायरस का दूसरा वर्जन बन जाता है। इन म्यूटेशन का वायरस पर कोई प्रभावी असर नहीं पड़ता है। लेकिन ज्यादा वक्त देने पर म्यूटेशन इस तरह विकसित हो जाता है, जिससे वायरस ज्यादा खतरनाक हो जाता है। कुछ लोग जिनका इम्यून सिस्टम अच्छा नहीं होता है, वे वायरस के म्यूटेशन की रफ्तार को बढ़ा देते हैं। इसलिए शोधकर्ता जल्द से जल्द हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने पर जोर दे रहे हैं, जिससे कि वायरस को ज्यादा विकसित होने का मौका न मिले। वहीं, शोधकर्ता इन कारणों से सेहतमंद लोगों को वैक्सीन लगाने पर भी जोर दे रहे हैं, क्योंकि यह वैक्सीन न सिर्फ उन्हें, बल्कि दूसरों की भी रक्षा करेगी। 

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