Coronavirus: इंदौर में घटी कोरोना संक्रमण की दर, 10 दिन में नियंत्रित हो सकती है स्थिति

लॉकडाउन जारी रहते हुए गति से टेस्टिंग और ट्रेसिंग होती रही तो अगले दस दिन में शहर में आर-नॉट का औसत 1 से नीचे आ जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 15 May 2020 06:40 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 06:40 PM (IST)
Coronavirus: इंदौर में घटी कोरोना संक्रमण की दर, 10 दिन में नियंत्रित हो सकती है स्थिति
Coronavirus: इंदौर में घटी कोरोना संक्रमण की दर, 10 दिन में नियंत्रित हो सकती है स्थिति

इंदौर, स्टेट ब्यूरो। कोरोना महामारी से लड़ाई में इंदौर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी रफ्तार और सख्ती से बीमारी से मुकाबले के प्रयत्न जारी रहे तो 10 दिन में स्थिति नियंत्रण में होगी। आइआइएम इंदौर के शोध अध्ययन में यह बात सामने आई है। इसी शोध अध्ययन की 6 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में कोविड-19 को लेकर प्रदेश को चेताया गया था। पहले दौर के अध्ययन में पेश आंकड़े जमीनी स्थिति पर सटीक साबित हो रहे हैं।

संक्रमण दर से लेकर रिकवरी रेट तक में सुधार

ताजा अध्ययन के मुताबिक शहर में संक्रमण दर से लेकर रिकवरी रेट तक में सुधार हुआ है। अब एक मरीज पहले के मुकाबले कम संक्रमण फैला रहा है। आइआइएम इंदौर के प्रो. सायंतन बनर्जी अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के चार अन्य प्रोफेसर सहयोगियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर लगातार शोध अध्ययन कर रहे हैं। पहले दौर में शोध अध्ययन के आंकड़े जारी करते हुए बनर्जी ने कहा था कि ताजा स्थिति में अप्रैल अंत या मई तक प्रदेश में लगभग ढाई हजार संक्रमित होंगे। आज की स्थिति में संक्रमितों की संख्या 2299 तक पहुंच गया है।

इंदौर में संक्रमण फैलने की दर घटी

शुक्रवार को अध्ययन के दूसरे दौर की रिपोर्ट जारी करते हुए बनर्जी ने कहा कि इंदौर में संक्रमण फैलने की दर घट गई है। 30 अप्रैल को संक्रमण की दर 8.18 प्रतिशत थी जो 13 मई को 3.13 प्रतिशत पर आ गई है। इस शोध अध्ययन का सबसे अहम बिंदु है आर-नॉट की दर में कमी। बनर्जी के मुताबिक आर-नॉट का मतलब है एक संक्रमित व्यक्ति अब कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है। इंदौर में अब इसकी दर 1.54 रह गई है। यदि दर और गिरकर 1 से कम पर आ जाती है तो कहा जा सकता है कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है।

ज्यादा सैंपलिंग और जांच का असर, 10 दिन में आ जाएगा आर-नॉट का औसत 1 से नीचे 

शहर में जांचें ज्यादा होने लगीं। रिपोर्ट जल्दी आ रही हैं और ठीक होने वाले मरीजों की दर भी 48 प्रतिशत हो गई है। इस लिहाज लॉकडाउन जारी रहते हुए गति से टेस्टिंग और ट्रेसिंग होती रही तो अगले दस दिन में शहर में आर-नॉट का औसत 1 से नीचे आ जाएगा। आइआइएम ने अध्ययन में जिला स्तर पर विश्लेषण के आधार पर कहा है कि स्थिति में सुधार के मामले में इंदौर, भोपाल और नजदीकी जिले उज्जैन से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। संक्रमण की दर भोपाल में 9 मई तक गिरकर 4.83 पर आ गई है। 30 अप्रैल को यह दर 8.18 प्रतिशत थी। उज्जैन में 7.77 प्रतिशत रह गई है जो 30 अप्रैल को 10.36 प्रतिशत थी। इसके साथ ही आर-नॉट का प्रतिशत क्रमश: 1.31 और 1.46 प्रतिशत रह गया है। आइआइएम के इस शोध अध्ययन में अब स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली का पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन भी सहयोगी बन गया है।

रेड-ऑरेंज जिलों की स्वास्थ्य परिस्थितियों का भी विश्लेषण

प्रो. बनर्जी के अनुसार शोध अध्ययन के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) भी आंकड़े उपलब्ध करवा रहा है। संक्रमण के अलावा हमने प्रदेश के रेड, ऑरेंज जिलों की स्वास्थ्य परिस्थितियों का विश्लेषण भी किया। इसमें अनोखी बात सामने आई है। रेड और ऑरेंज जोन बने जिलों की पुरुष आबादी में मोटापा, मधुमेह और हाइपरटेंशन का प्रतिशत ज्यादा है। सीधे तौर पर हम कोविड संक्रमण के लिए इन बीमारियों के इतिहास को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे, लेकिन यह अनोखा संबंध निकलकर सामने आ रहा है।

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