पहले ही कदम पर राहुल गांधी को लगा जबरदस्त झटका

कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पहले ही कदम पर जबरदस्त झटका लग गया। उत्तर प्रदेश से पीएल पुनिया को राज्यसभा का टिकट देने और दिल्ली विधानसभा चुनावों से ऐन पहले पार्टी के विवादास्पद नेताओं जगदीश टाइटलर व सज्जन कुमार से मुलाकात करने

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Thu, 06 Nov 2014 05:58 AM (IST) Updated:Thu, 06 Nov 2014 08:13 AM (IST)
पहले ही कदम पर राहुल गांधी को लगा जबरदस्त झटका

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पहले ही कदम पर जबरदस्त झटका लग गया। उत्तर प्रदेश से पीएल पुनिया को राज्यसभा का टिकट देने और दिल्ली विधानसभा चुनावों से ऐन पहले पार्टी के विवादास्पद नेताओं जगदीश टाइटलर व सज्जन कुमार से मुलाकात करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति के जरिए कांग्रेस को खड़ा करने के प्रयासों के तहत कभी दलित के मकान में जाकर रात बिताने और उनके साथ भोजन करने को लेकर चर्चा में रहे राहुल का पुनिया प्रयोग विवादों में घिर गया है। पार्टी के दर्जन भर विधायक उपाध्यक्ष के निर्णय को तुगलकी फरमान बताकर इसे पार्टी को कमजोर करने की दिशा में उठाया कदम बता रहे हैं।

इन विधायकों के साथ खड़े राज्य में कांग्रेस के एक बड़े नेता का कहना है कि बाहर से आए पुनिया को पहले भी अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया जा चुका है। इसके बावजूद वह उपनी सीट तक बचाने में नाकाम रहे। अब उन्हें राज्यसभा सीट देकर पार्टी क्या संदेश देना चाह रही है।

सूत्रों के मुताबिक, पुनिया को समर्थन देने का फैसला करने से पहले सपा ने भी कांग्रेस नेतृत्व से किसी और नाम की सिफारिश की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर पकड़ बनाने के इस प्रयास को कांग्रेस से समर्थन न मिलता देख पार्टी ने पुनिया के नाम पर सहमति दे दी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के 28 विधायक हैं और कांग्रेस को पुनिया को राज्यसभा में भेजने के लिए नौ अन्य विधायकों का समर्थन चाहिए। दूसरी ओर, राज्य में बसपा से टिकट की आस टूटते देख पार्टी छोडऩे वाले अखिलेश दास एक बार फिर राज्यसभा की देहरी लांघना चाह रहे हैं। ऐसे में जुगाड़ पर टिकी एकमात्र सीट को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। बसपा ने राज्य की दलित राजनीति पर अपना नैसर्गिक अधिकार बनाए रखने के लिए दो दलित उम्मीदवारों राजा राम और वीर सिंह को राज्यसभा का टिकट दिया है।

पैनल गठित होने से इन्कार

उधर, दिल्ली में विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस एक बार फिर सेल्फ गोल करती नजर आ रही है। इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और 84 के दंगों की बहस के बीच राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों पर बात करने के लिए बुधवार सुबह पार्टी के दो विवादित नेताओं से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद यह खबर आई कि राहुल ने दोनों नेताओं को राज्य में चुनाव के लिए गठित एक पैनल में प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, महासचिव अजय माकन, शकील अहमद व हारुन यूसुफ के साथ शामिल किया है। इस पर पार्टी के भीतर विरोध के बीच उपाध्यक्ष कार्यालय ने इसे आधारहीन बताते हुए ऐसे किसी पैनल के गठित होने की बात से इन्कार कर दिया।

हालांकि शकील अहमद ने यह कहकर कि 'लोकतांत्रिक देश में किसी को भी प्रचार करने का अधिकार होता है' यह स्पष्ट किया कि भले ही ऐसा पैनल न बना हो लेकिन ये नेता पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं। सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर पर सिख-विरोधी दंगे भड़काने को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है।

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