बजट पेश करने की परंपरा बदलने के खिलाफ नहीं कांग्रेस

कांग्रेस केन्द्रीय बजट को फरवरी में पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा को बदलने की सरकार की योजना के सैद्धांतिक रुप से खिलाफ नहीं है। मगर पार्टी का कहना है कि इसके लिए सरकार को विपक्ष

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Tue, 30 Aug 2016 07:17 PM (IST) Updated:Tue, 30 Aug 2016 07:28 PM (IST)
बजट पेश करने की परंपरा बदलने के खिलाफ नहीं कांग्रेस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस केन्द्रीय बजट को फरवरी में पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा को बदलने की सरकार की योजना के सैद्धांतिक रुप से खिलाफ नहीं है। मगर पार्टी का कहना है कि इसके लिए सरकार को विपक्षी दलों को पहले भरोसे में लेने की जरूरत है। कांग्रेस के अनुसार सरकार ने बजट सत्र को जनवरी में बुलाने को लेकर विपक्षी दलों से अभी तक कोई बात नहीं की है।

बजट सत्र जनवरी में बुलाने की चर्चाओं पर राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें भी यह बात सुनने को मिली है कि बजट पेश करने की सरकार नई परंपरा शुरू करना चाहती है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में एक आंतरिक अध्ययन भी कराया है। लेकिन विपक्ष से बजट सत्र की परंपरा बदलने पर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है।

आजाद ने कहा कि वैसे बजट फरवरी की बजाय जनवरी में पेश करने के चिंतन के वे खिलाफ नहीं हैं। उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश सरकार के बजट को जनवरी में पेश करने की उन्होंने परिपाटी शुरू की थी। इसके लिए उन्होंने तत्कालीन केन्द्र सरकार और योजना आयोग से प्रदेश के सालाना योजना का संभावित बजट देने का भी अनुरोध किया और इसे हासिल भी किया।

सरकार ने बीते दिनों संकेत दिए हैं कि केन्द्रीय बजट को 28 फरवरी की बजाय बजट सत्र जनवरी में बुलाकर नए बजट को जनवरी में ही पेश कर दिया। साथ ही 31 मार्च से पहले अगले साल के बजट को संसद से पारित करा दिया जाए।

गौरतलब है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी परोक्ष रुप से इसी तरह का संकेत यह कहते हुए दिया था कि पहले हमने बजट पेश करने की अंग्रेजों की परंपरा को बदला है। अब आगे कुछ और बदलाव करेंगे। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश शासन के समय से शाम पांच बजे बजट पेश करने की परंपरा को वाजपेयी सरकार ने बदल दिया और अब लोकसभा में बजट सुबह 11 बजे पेश होता है।

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