उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक सड़कों पर रहेंगे कांग्रेसी : गुलाम नबी
आजाद ने कहा कि 27 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के शासन में उत्तर प्रदेश को विकास की नई दिशा मिली थी।
लखनऊ (जेएनएन)। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) प्रमुख मोहन भागवत समेत प्रमुख विपक्ष दलों पर निशाना साधा। जनसंख्या बढ़ाने के बयान पर उन्होंने संघ प्रमुख को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भागवत जागते, सोते और खाते हुए हमेशा समाज को बांटने की सोचते है। जिस तरह भूखे इंसान को दो और दो चार रोटियां ही दिखती हैं उसी तरह भागवत भी हमेशा देश को तोडऩे की सोचते हैं और धर्म की खाते हैं। उन्होंने भागवत का सलाह दी कि बेहतर हो यदि वह बिजली, पानी, सड़कों या विकास के बारे में चिंता करें। मोदी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि दस करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा करने वाले भूल गए। अच्छे दिन आने के भरोसे बैठी जनता अब परेशान हो चुकी है और बदला लेने के लिए बेताब है।
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कांग्रेस की यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस भवन में पत्रकारों से अपनी चुनावी रणनीति समझाते हुए कहा कि चुनाव तक कांग्रेसी सड़कों पर ही रहेंगे। कांग्रेस संख्या बढ़ाने के लिए नहीं वरन सरकार बनाने को चुनाव लड़ेगी। लोकसभा सत्र होने के कारण अभियान में कुछ सुस्ती आयी है परंतु अब चुनाव होने तक कार्यक्रम जारी रहेंगे। आजाद ने सपा, भाजपा और बसपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को ही बेहतर बताते हुए कहा कि अन्य दल जहां समाज बांटने की सियासत करते हैं वहीं कांग्रेस समाज को जोडऩे का संदेश लेकर चुनाव प्रचार में उतरेगी।
यूपी होगा मॉडल प्रदेश
शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी बनाने पर गुलाम नबी सफाई देने के अंदाज में दिखे। उनका कहना था कि शीला दीक्षित को महिला या जाति विशेष की नेता होने के कारण मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाया गया वरन दिल्ली को मॉडल प्रदेश के तौर पर विकसित कर देने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में लाया गया है। कांग्रेस यूपी को मॉडल प्रदेश के तौर पर विकसित करना चाहती है। गुलाम नबी ने दावा किया कि शीला दीक्षित कांग्रेस की सभी मुख्यमंत्रियों में बेहतर रही। उन्होंने सपा, बसपा और भाजपा को परिवारवादी, भ्रष्टाचारी और अराजकवादी करार दिया।
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विधायकों की बगावत पर उखड़े गुलाम
पार्टी के छह विधायकों द्वारा बगावत करने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद असहज हो गए। सफाई में उनका कहना था, सभी दलों में क्रासवोटिंग हुई और दलबदल भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस में आमतौर पर सख्त फैसले नहीं किए जाते है परंतु क्रासवोट के आरोपी सभी विधायकों को रिपोर्ट मिलते ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। पश्चिमी उप्र में बसयात्रा के रूट को लेकर उठे सवालों पर भी गुलाम संतोषजनक जवाब न दे सके। उन्होंने कहा कि यात्रा में शामिल नेतागण रात्रि में कहां ठहरेंगे इससे ज्यादा जरूरी मुद्दा उनका दिन में यात्रा में शिरकत करना है।
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अव्यवस्थाएं रही हावी
दोनों यात्रा को रवाना करने के कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं पूरी तरह हावी थी। साउंड सिस्टम खराब होने के कारण भाषण न हो सके। इसे लेकर प्रभारी महासचिव गुलाम नबी काफी गुस्से में भी दिखे और कार्यकर्ताओं को डांट भी पिलायी। मंच पर चढऩे को लेकर नेताओं में आपाधापी मची थी। इस गहमागहमी में टीम पीके के सदस्य असहाय नजर आए।
नहीं दिखें कई दिग्गज
रविवार दोपहर करीब 12 बजे चिलचिलाती धूप में पसीने से तरबतर कांग्रेस नेता परेशान भी नजर आए। बस यात्रा के लिए बनी दोनों टीमों में से एक की अगुवाई शीला दीक्षित को सौंपी गई है। इसमें उनके साथ संजय सिंह, श्रीप्रकाश जायसवाल, रीता बहुगुणा जोशी, जफर अली नकवी, भगवती प्रसाद चौधरी और अब्दुल मन्नान अंसारी रहेंगे। दूसरी टीम में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के नेतृत्व में प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, पीएल पुनिया, राजाराम पाल, रामाश्रय प्रसाद, संतोष सिंह और लालचंद निषाद रहेंगे। इनमें से सलमान खुर्शीद व पीएल पुनिया मौके पर नहीं थे वहीं आरपीएन सिंह की गैरहाजिरी भी चर्चा में रही।