आपातकाल के लिए माफी मांगें राहुल-सोनिया

भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि चार दशक पहले आपातकाल लागू करना कांग्रेस सरकार की बहुत भयावह गलती थी। इसके लिए सोनिया या राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कम से कम अब भी कांग्रेस अपनी गलती स्वीकार करे।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2015 09:05 PM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2015 10:14 AM (IST)
आपातकाल के लिए माफी मांगें राहुल-सोनिया

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि चार दशक पहले आपातकाल लागू करना कांग्रेस सरकार की बहुत भयावह गलती थी। इसके लिए सोनिया या राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कम से कम अब भी कांग्रेस अपनी गलती स्वीकार करे।

पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में एक दिन पूर्व एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार पर अपना जवाब देते हुए कहा कि आपातकाल का जिक्र किसी एक के लिए नहीं था जैसा मीडिया अटकलें लगा रही है। आडवाणी ने कहा, 'भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के लिए मैं इसलिए चिंतित हूं क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 1975 में उठाए पार्टी के गलत कदम के लिए अभी तक माफी नहीं मांगी है।

उन्होंने कहा, 'अभी तक किसी ने आगे आकर यह नहीं कहा कि हमसे गलती और हमें ऐसा नहीं करना चाहिए था। सोनिया और राहुल गांधी का यह दायित्व बनता है कि वह आपातकाल के लिए माफी मांगे। जब तक वह ऐसा नहीं करते गांधी परिवार और कांग्रेस को आपातकाल के लिए माफ नहीं किया जा सकता। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक आडवाणी ने कहा कि घमंड अधिनायकवाद का पोषक है। आज के नेताओं को वाजपेयी जैसा सरल होना चाहिए।

राजनीतिक नेतृत्व में तानाशाही रवैया :

राजनीतिक नेतृत्व में तानाशाही रवैये के चलन पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'वह हमेशा से राजनीतिक दलों में एक ही आदमी के दखल के खिलाफ रहे हैं। इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी अपने सफल रिकार्ड के साथ बहुत ऊंचे कद के नेता रहे हैं। लेकिन उन्होंने कभी किसी को यह कहते नहीं सुना कि वाजपेयी भारत हैं और भारत वाजपेयी है।

भारत में दल प्रणाली :

देश में दलीय व्यवस्था कमजोर होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ चिंताजनक बातें तो हैं। लेकिन मैं आशांवित हूं। आपातकाल के बाद जिस तरह कांग्रेस की हार हुई, उससे जाहिर है कि भारत के लोग इसे कभी मंजूर नहीं करेंगे। अटल जी भी उनकी बातों को तवज्जो देते थे।

ब्रिटिश शासन से भी खराब थे हालात :

आपातकाल के 40 साल बाद इंदिरा गांधी की इस विरासत अपना नजरिया बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी आपातकाल लागू किया उसने देश के प्रति ही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति भी बहुत बड़ा अपराध किया था। यह स्थिति ब्रिटिश राज से भी बदतर थी। उन्होंने कहा कि जो नेतागण जयप्रकाश नारायण की छतरी के नीचे भाजपा के साथ खड़े थे, वह अब कांग्रेस के साथ हैं और भाजपा का विरोध कर रहे हैं।

सत्ता के दुरुपयोग पर वोटर सिखाएंगे सबक :

उन्होंने कहा कि जो कोई भी सत्ता में आता है वह उसे खोना नहीं चाहता है। लेकिन जो लोग सत्ता का दुरुपयोग करते हैं मतदाता उन्हें सबक जरूर सिखाते हैं। इसलिए इस मनमानी से बचाव भी वोटर ही करेंगे।

रथ यात्रा पर माफी का सवाल ही नहीं :

जब आडवाणी से पूछा गया कि अगर कांग्रेस ने कभी आपातकाल के लिए माफी नहीं मांगी तो रामजन्मभूमि विवाद के लिए भाजपा ने भी कभी माफी नहीं मांगी। इस पर उन्होंने कहा कि वह राम रथ यात्रा को गौरव मानते हैं। इसके लिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है।

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