ड्राइवर सलीम के हौसले को सलाम, जान पर खेलकर बचाई 50 लोगों की जिंदगी

बस के एक यात्री के अनुसार वो लोग 5-6 की संख्या में थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Tue, 11 Jul 2017 10:52 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jul 2017 08:33 PM (IST)
ड्राइवर सलीम के हौसले को सलाम, जान पर खेलकर बचाई 50 लोगों की जिंदगी
ड्राइवर सलीम के हौसले को सलाम, जान पर खेलकर बचाई 50 लोगों की जिंदगी

जम्मू,जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में 7 यात्रियों की मौत हो गई है और 19 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह मंजर और ज्यादा भयावह होता अगर बस का ड्राइवर सलीम हिम्मत नहीं दिखाता। ड्राइवर सलीम ने उन खौफनाक लम्हों को याद करते हुए कहा, 'आठ बजे के आसपास बस पर सामने से फायरिंग हुई। फायरिंग हद से ज्यादा हो रही थी। मैं गाड़ी चलाता रहा। तभी मैं झुका और एक गोली बगल में बैठे मेरे साथी को लगी।' उन्होंने कहा,'लगातार फायरिंग हुई। मैं इसलिए रुका नहीं और बस को चलाता रहा।' सलीम ने कहा कि उस वक्त खुदा ने मुझे आगे बढ़ते रहने की हिम्मत दी और मैं रुका नहीं।'

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ड्राइवर सलीम की सराहना की। मुख्यमंत्री ने सलीम को बहादुरी पुरस्कार के लिए नामित करने की भी बात भी कही।

गुजरात के वलसाड में रहने वाले ड्राइवर सलीम के भाई जावेद ने कहा, 'वह 7 लोगों की जान नहीं बचा पाया, लेकिन उन्होंने 50 लोगों को एक सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया हमें उन पर गर्व है।'

हमले के बाद बस में सवार यात्रियों के बयान के अनुसार उनकी बस अनंतनाग से 2 किमी दूर पंचर हो गई थी, जिसे बनाने में देर हो गई। जैसे ही बस निकली आतंकियों ने हमला कर दिया।

बस के एक यात्री के अनुसार वो लोग 5-6 की संख्या में थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। हमने ड्राइवर से कहा की बस भगाता रह। वहीं एक अन्य यात्री योगेश के अनुसार बस निकलते ही अचानक गोलियां बरसनी शुरू हो गई और हमारे ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस नहीं रोकी। आतंकी मिलिट्री कैंप तक बस पर गोलियां दागते रहे। यह चमत्कार ही है कि इतने लोगों में से 7 लोगों की मौत हुई और बाकि बच गए।

नियम विरुद्ध हाईवे पर गई बस

पुलिस के अनुसार बस नियम विरुद्ध सात बजे के बाद हाईवे पर गई। सात बजे बाद हाईवे पर यात्रा की अनुमति नहीं है। जानकारी के अनुसार यह बस रजिस्टर्ड नहीं थी। रोड ओपनिंग पार्टी, जिसके जरिए लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी वो 7:30 बजे वापस आ गई थी। बस पर हमला 8.20 बजे बैटनगो में हुआ जब वो तीर्थयात्रियों को दर्शन करा के बालटाल से मीर बाजार लौट रही थी।

गुजरात के वलसाड की थी बस

हमले की शिकार बस 2 जुलाई को वलसाड से निकली थी। बस में यात्रियों के साथ इसके मालिक हर्ष भी शामिल थे। बस में सभी श्रद्धालु गुजरात के हिम्मतनगर के बताए गए हैं। मृतकों में पांच महिलाएं और दो पुरुष श्रद्धालु शामिल हैं।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने की घायलों से मुलाकात

राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रद्धालुओं पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह मंगलवार सुबह अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले में घायल हुए तीर्थयात्री से मिले। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने यात्रियों पर हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यात्री कश्मीर के अतिथि हैं। 

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