चीन की भारत को नसीहत, ज्यादा बेताबी ठीक नहीं आर्थिक विकास पर दे ध्यान

लेख में कहा गया हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकने के लिए भारत को विमान वाहन बनाने की प्रक्रिया में तेजी दिखाने की बेताबी नहीं दिखानी चाहिए।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2017 03:58 PM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2017 10:25 PM (IST)
चीन की भारत को नसीहत, ज्यादा बेताबी ठीक नहीं आर्थिक विकास पर दे ध्यान
चीन की भारत को नसीहत, ज्यादा बेताबी ठीक नहीं आर्थिक विकास पर दे ध्यान

बीजिंग, पीटीआई। चीनी मीडिया ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है। सोमवार को चीन के एक अखबार ने भारत को नसीहत देते हुए लिखा कि हिंद महासागर में विमान वाहक के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने से ज्यादा ध्यान भारत को अपने आर्थिक विकास पर देना चाहिए।

सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया "विमान वाहक विकसित करने के लिए नई दिल्ली कुछ ज्यादा ही बेताब हो रही है। भारत औद्योगिकीकरण के अभी शुरुआती चरणों में ही है और ऐसे में उसे विमान वाहक बनाने की राह में कई तकनीकी रुकावटें आएंगी। पिछले कुछ दशकों में विमान वाहकों के मामले में भारत और चीन को अलग-अलग नतीजें मिले हैं।"

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते चीन अब अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए नौसेना को मजबूत कर रहा है। चीन ने पहले विमानवाहक पोत का निर्माण आर्थिक विकास की बदौलत किया है।

अखबार ने कहा कि चीन अगर हथियारों की दौड़ में शामिल होता तो कई साल पहले ही विमान वाहक युद्धपोत तैयार कर चुका होता। लेख में दावा किया गया कि चीन ने 1912 में ही अपने पहले विमानवाहक पोत का विकास कर लिया था। इसके विपरित भारत 1961 से विमानवाहक पोत का संचालन कर रहा है।

भारत के पास पहले से पोत

भारत ने 1957 में आइएनएस विक्रांत खरीदा था। इसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में काफी अहम भूमिका निभाई थी। यह पोत 1997 में नौसेना से सेवा मुक्त किया गया। आइएनएस विराट को 1987 में तैनात किया जिसे हाल ही में 40 साल की सेवा के बाद विदाई दी गई। 2013 में आइएनएस विक्रमादित्य को सेना में शामिल किया गया। यह रूस के एडमिरल गोर्शिकोव में बदलाव कर तैयार किया गया है। इसके अलावा कोचीन शिपयार्ड में दूसरा आइएनएस विक्रांत तैयार किया जा रहा है। इस विमानवाहक पोत को 2018 तक तैयार कर लिए जाने की उम्मीद है।

चीन ने अभी तैनात किया पहला पोत

चीन ने पिछले साल पहला विमानवाहक पोत लिओनिंग को नौसेना में शामिल किया है। यह सोवियत काल के मॉडल पर आधारित है। इसी मॉडल का दूसरा विमानवाहक पोत 2020 तक तैनात किए जाने की उम्मीद है। वह तीसरा विमानवाहक पोत भी बना रहा है।

बता दें, चीन ने रविवार को नौसेना के स्थापना की 68वीं सालगिरह मनाई। सोमवार सुबह चीनी नौसेना के तीन जहाज अलग-अलग दौेरे पर एशिया, यूरोप और अफ्रीका के 20 से ज्यादा देशों के लिए रवाना हुए।

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