सामाजिक क्षेत्र में साझेदारी बढाएंगे केंद्र-राज्य

नीति आयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सामाजिक क्षेत्रों में अनुकरणीय उदाहरणों को भी एक दूसरे राज्य के साथ साझा कर रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 23 May 2016 08:36 PM (IST) Updated:Mon, 23 May 2016 10:41 PM (IST)
सामाजिक क्षेत्र में साझेदारी बढाएंगे केंद्र-राज्य

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रस्तावित 'राष्ट्रीय विकास एजेंडा' को मूर्तरूप देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नीति आयोग ने सामाजिक क्षेत्र में केंद्र और राज्यों के बीच साझेदारी बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। आयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सामाजिक क्षेत्रों में अनुकरणीय उदाहरणों को भी एक दूसरे राज्य के साथ साझा कर रहा है ताकि दूसरी जगह उन्हें इस्तेमाल किया जा सके।

इसी सिलसिले में नीति आयोग ने सोमवार को सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं की डिलीवरी के अनुकरणीय उदाहरणों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागढि़या ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को लागू करने के संबंध में केंद्र और राज्यों को एक-दूसरे के साथ अनुकरणीय उदाहरण साझा करने चाहिए।

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उन्होंने कहा कि नीति आयोग को राज्यों के साथ अनुभव साझा करने को इस तरह के सम्मेलन बार-बार आयोजित करने चाहिए। एक राज्य की सामाजिक पूंजी, दूसरे से भिन्न है लेकिन अनुभव साझा करने से शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर हल निकल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को निजी क्षेत्र के साथ मिलकर सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं की डिलीवरी मजबूत बनानी चाहिए।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि राज्यों के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विचार विमर्श बहुत उपयोगी है। नीति आयोग शिक्षा के मानकीकरण में कमी को पूरा करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा।

कांत ने कहा कि बुनियादी शिक्षा में पढ़ाई की खराब गुणवत्ता है और ड्रॉप आउट रेट भी 30 प्रतिशत है। इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने की जरूरत है क्योंकि बुनियादी शिक्षा ही आधार है। कांत ने माध्यमिक शिक्षा में व्यवसायिक कार्यक्रमों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में ड्रॉपआउट लगभग 40 प्रतिशत है।

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नीति आयोग में एडवाइजर आलोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय विकास के एजेंडा को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य जो प्रयास कर रहे हैं, उस पर फोकस करना बेहद जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि नीति आयोग ढांचागत क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन पर नजर रखने को समय-समय पर केंद्र के विभिन्न मंत्रालय के साथ समन्वयन कर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ निगरानी करते रहता है। आयोग अब ऐसा ही तरीका सामाजिक क्षेत्र में भी अपनाने जा रहा है। यही वजह है कि राज्यों के बीच आपस में अच्छे उदाहरणों को साझा करने के लिए आयोग ने यह बैठक बुलाई है।

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