नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में सरकार, गृहमंत्री ने सीएम फडणवीस से की बात
चुनाव प्रचार के बीच से प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली हमले में सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट के 15 जवानों की मौत से सकते में आई केंद्र सरकार अब नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए गृहमंत्रालय समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां महाराष्ट्र सरकार से लगातार संपर्क में है। चुनाव प्रचार के बीच से प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं अपने क्षेत्र में चुनावी व्यवस्तता के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
तूफान फानी से निपटने की तैयारियों में जुटे गृह सचिव राजीव गौबा ने गढ़चिरौली में नक्सली हमले की सूचना मिलने के बाद तत्काल नक्सल प्रबंधन विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। महाराष्ट्र के डीजीपी और मुख्य सचिव से हालात की जानकारी लेने के बाद उन्होंने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में रहने और हर संभव मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा एनआइए और एनएसजी के अधिकारियों को हमले की जांच में स्थानीय पुलिस की मदद करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही हमले की जांच की जिम्मेदारी एनआइए को सौंपी जा सकती है।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गढ़चिरौली में नक्सलियों के इस तरह हमले और उसमें 15 जवानों के मारे जाने की कतई आशंका नहीं थी। इससे यह भी साफ होता है कि इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ बड़े आॅॅपरेशन की जरूरत है। राज्य पुलिस को इसके लिए प्लान तैयार करने और केंद्रीय एजेंसियों को इसमें हर संभव मदद करने को कह दिया है। गुनहगारों को नहीं बख्शने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
15 जवानों के मारे जाने को सुरक्षा में बड़ी चूक के बारे में पूछे जाने पर गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी अलग से जांच की जाएगी। सीआरपीएफ अलग से विभागीय जांच करेगा, साथ राज्य सरकार की समीक्षा में भी यह यह सामने आएगा। लेकिन, सबसे जरूरी है कि नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की। वैसे उन्होंने माना कि चुनाव में बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की नियुक्ति के कारण नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन में कमी आई है और उन्होंने इसी का फायदा उठाया है।