कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार के यहां से सवा करोड़ रुपये और मिले

छापेमारी के दूसरे दिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में कागजात, अकाउंट बुक और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 03 Aug 2017 09:48 PM (IST) Updated:Thu, 03 Aug 2017 09:48 PM (IST)
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार के यहां से सवा करोड़ रुपये और मिले
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार के यहां से सवा करोड़ रुपये और मिले

बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। छापेमारी के दौरान उनके यहां से सवा करोड़ रुपये से अधिक की नकद राशि बरामद हुई। इस तरह उनके ठिकानों से अब तक 11.43 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 8.33 करोड़ रुपये दिल्ली, 2.5 करोड़ रुपये बेंगलुरु और 60 लाख रुपये नकद मैसूर से बरामद हुए हैं। कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की छापेमारी आखिरी समाचार मिलने तक जारी थी। उल्लेखनीय है कि शिवकुमार गुजरात से बेंगलुरु ले जाए गए 44 कांग्रेस विधायकों को ठहराने का काम देख रहे थे। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है।

छापेमारी के दूसरे दिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में कागजात, अकाउंट बुक और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए। बेनामी संपत्ति समेत रियल एस्टेट में निवेश के भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है। आयकर अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के दौरान मिले गहनों की कीमत का पता लगाया जा रहा है। विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, सिंगापुर और अन्य विदेशी ठिकानों में मंत्री द्वारा किए गए निवेश की भी जांच की जा रही है।

सीआरपीएफ की मौजूदगी का विरोध 

कर्नाटक सरकार ने अपने मंत्री के ठिकानों पर आयकर छापे के दौरान सीआरपीएफ जवानों की मौजूदगी का विरोध किया है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुभाष चंद्रा ने केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया को पत्र लिखकर कहा है कि यह घटना राज्य पुलिस की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर दाग है। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बीच तालमेल की एक परंपरा रही है। इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

राजनीतिक रंग देने में जुटी कांग्रेस 

अपने मंत्री के खिलाफ आयकर छापेमारी को कांग्रेस राजनीतिक रंग देने में जुट गई है। पार्टी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए गुरुवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी ने इसे केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये का उदाहरण करार दिया है। शिवकुमार एक किसान परिवार से आते हैं और वे वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। राज्य में सरकार बनाने में इस समुदाय की अहम भूमिका होती है।

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