सावधान! कोरोना के संक्रमण दौर में पानी के लिए न पड़ जाए रोना

Coronavirus गर्मी का सीजन सामने है और हालात जल्द ठीक न हुए तो आगे पानी की किल्लत कोरोना से निबटने में आड़े आ सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 24 Mar 2020 01:46 PM (IST) Updated:Tue, 24 Mar 2020 02:02 PM (IST)
सावधान! कोरोना के संक्रमण दौर में पानी के लिए न पड़ जाए रोना
सावधान! कोरोना के संक्रमण दौर में पानी के लिए न पड़ जाए रोना

जेएनएन, नई दिल्ली। Coronavirus कोरोना संक्रमण के दौर में एक व्यक्ति दिन में न्यूनतम 5 से 7 बार हाथ धो रहा है। घर को स्वच्छ रखने के लिए पोंछा और धुलाई हो रही है। यह आवश्यक भी है। लेकिन साथ ही एक दूसरी समस्या धीरे-धीरे सिर उठा रही है। पानी की किल्लत आने वाले दिनों में मुसीबत बढ़ा सकती है। ताजा सर्वे में पता चला है कि इन दिनों प्रति व्यक्ति पानी की खपत बढ़ रही है। जल संरक्षण में जुटी एक संस्था द्वारा किए गए इस सर्वे में सामने आया है कि पहले नगरीय क्षेत्र में एक व्यक्ति जहां 70-75 लीटर पानी व्यय कर पाता था, अब यह व्यय 125 लीटर तक पहुंच गया है। गर्मी का सीजन सामने है, और हालात जल्द ठीक न हुए तो आगे पानी की किल्लत कोरोना से निबटने में आड़े आ सकती है।

लिहाजा इसे लेकर भी सजगता आवश्यक है। बुंदेलखंड में सक्रिय जल जन जोड़ो अभियान नामक संस्था द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि हुई है। यह अध्ययन जल संस्थान और जल निगम झांसी, कानपुर, बांदा, फतेहपुर, प्रयागराज, आगरा, बरेली, लखनऊ जैसे शहरों में 19 से 22 मार्च के कालखंड में किया गया है। हर शहर के औसत 100 घरों को इसमें शामिल किया गया। जल संस्थान एवं जल निगम से उपलब्ध आंकडों के आधार पर आकलन किया गया।

संस्था के प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने कहा, हमारे देश का 70 प्रतिशत पानी खेती में प्रयोग किया जाता है, 15 प्रतिशत उद्योगों में जबकि 12-15 प्रतिशत घरेलू उपयोग में आ रहा है। फिलहाल चिंता इस बात की है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में पानी की कमी आड़े न आने पाए। लेकिन थोड़ी गर्मी बढ़ने पर यह स्थिर्ति चिंताजनक हो सकती है। ऐसे में आज सवाल यह है कि पानी को लेकर हम कितने सजग हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जिम्मेदारी को समझने और आवश्यक प्रयास करने की आवश्यकता है।

संस्था के मुताबिक, यदि यह कोरोना का संकट और बढ़ा तो आने वाले समय में पानी की खपत और अधिक बढ़ेगी, जिसका प्रभाव आने वाले समय में दिखाई देगा। जरूरी यह है कि लोग विवेकपूर्ण ढंग से पानी का उपयोग करें। कोरोना जैसी महामारी से लड़ना भी सबसे जरूरी है, साथ ही पानी को बचाना भी जरूरी है।

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