Bulbul Cyclone: बंगाल के तट से टकराया 'बुलबुल', भूस्‍खलन प्रक्रिया शुरू

Bulbul Cyclone तूफान के शानिवार रात 11 बजे तक पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और पड़ोसी देश बांग्लादेश के खेपूपारा से टकराने की संभावना है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 09 Nov 2019 08:32 PM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 12:31 AM (IST)
Bulbul Cyclone: बंगाल के तट से टकराया 'बुलबुल', भूस्‍खलन प्रक्रिया शुरू
Bulbul Cyclone: बंगाल के तट से टकराया 'बुलबुल', भूस्‍खलन प्रक्रिया शुरू

कोलकाता, एजेंसी। Bulbul Cyclone : चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' कुछ ही देर में बंगाल के तट से टकराने वाला है। इस बीच राज्य में भारी बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। तूफान के शानिवार रात 11 बजे तक पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और पड़ोसी देश बांग्लादेश के खेपूपारा से टकराने की संभावना है।

भूस्‍खलन प्रक्रिया शुरू हुई। दीवार बादल क्षेत्र भूमि में प्रवेश कर रहा है। यह उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने के बाद धीरे-धीरे कमजोर होने और पश्चिम बंगाल को पार करने की बहुत संभावना है।  बांग्लादेश तट क्षेत्र बी / डब्ल्यू सागर द्वीप (डब्ल्यूबी) और खेपुपारा (बांग्लादेश), सुंदरबन डेल्टा के पार को अगले 3 घंटे के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप धारण करेगा।

मौसम विभाग ने कहा कि तट से टकराने के बाद चक्रवाती तूफान कमजोर हो सकता है। हालांकि इस दौरान 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो की आगे चलकर 135 किलोमीटर की गति पकड़ सकता है। वहीं, बंगाल और ओडिशा से भारी बारिश की वजह से दो लोगों  की मौत हुई है।

 मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी उपाय किए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने और नहीं घबराने की अपील की है। वहीं, मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और इससे निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

तूफान के प्रभाव से किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार है। नौसेना ने अपने विमानों और राहत सामग्री भरे तीन जहाजों को तैयार रखा है। नौसेना की ओर से चक्रवाती तूफान को देखते मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी के साथ उन्हें करीबी बंदरगाहों व अन्य जगहों पर आश्रय लेने की भी सलाह दी गई है।

वहीं, ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) की टीम और स्थानीय मछुआरों ने मिलकर कालीभंजा दीहा द्वीप पर फंसे आठ मछुआरों को बचाया। जानकारी के मुताबिक मचुआरों की नाव पलट गई थी, जिसके बाद सभी मछुआरे द्वीप पर फंस गए थे।

चक्रवात का असर विमान सेवा पर भी पड़ा है। ऐसे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआइ) हवाई अड्डा प्रबंधन की मानें तो शनिवार शाम छह बजे से अगले दिन यानी रविवार छह बजे तक हवाई अड्डा बंद रहेगा। इस दौरान यहां से कोई विमान उड़ान नहीं भरेगा।

उधर, खराब मौसम और कम रोशनी के चलते एनएससीबीआइ हवाई अड्डे से इंडिगो एयरलाइंस ने शनिवार की सुबह 11 बजे के बाद से उड़ान भरने वाली अपनी 23 उड़ानों को रद कर दिया। इसमें कोलकाता से रांची, पटना, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और पुणे आदि को जाने वाली विमान शामिल है। वहीं, अन्य विमानों ने विलंब से उड़ान भरी।

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