सोनिया-राहुल को भाजपा का करारा जवाब

लगातार बढ़ रही खटास और तनातनी के बीच भाजपा अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कठघरे में घेरने में जुट गई है। सोनिया ने सुषमा स्वराज को 'नौटंकी की माहिर' कहा तो जवाब चुनावी मैदान में राहुल को चुनौती देने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2015 08:40 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2015 09:13 PM (IST)
सोनिया-राहुल को भाजपा का करारा जवाब

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लगातार बढ़ रही खटास और तनातनी के बीच भाजपा अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कठघरे में घेरने में जुट गई है। सोनिया ने सुषमा स्वराज को 'नौटंकी की माहिर' कहा तो जवाब चुनावी मैदान में राहुल को चुनौती देने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से आया। उन्होंने परोक्ष रूप से कांग्रेस के परिवारवाद पर भी निशाना साधा और संसद में उनके प्रदर्शन पर भी।

उन्होंने कहा सुषमा आम परिवार से आकर मेहनत मशक्कत से आगे बढ़ी हैं जबकि कांग्रेस का पहला परिवार इसका अपवाद है। उन्होंने सुमित्रा महाजन के निलंबन के फैसले के खिलाफ शर्ट उतारकर प्रदर्शन करने की युवा कांग्रेस की परंपरा पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या राहुल ने यही संस्कृति सिखाई है।

भाजपा ने जवाब के लिए स्मृति को मैदान में उतारा। पैसे के लेन देन के आरोप का जवाब देते हुए स्मृति ने कहा कि आम घर की महिलाएं मेहनत कर आगे बढ़ती हैं। खून-पसीना बहाना पड़ता है। सुषमा स्वराज भी अपनी मेहनत से आगे बढ़ी हैं। हालांकि कांग्रेस में ऐसा नहीं होता है। जाहिर तौर पर उन्होंने कांग्रेस के परिवारवाद पर टिप्पणी की। संभव है कि आने वाले दिनों में भाजपा की ओर से राहुल की आय के बारे में भी सवाल पूछे जाएं और उसी बहाने नेशनल हेराल्ड के विवादित मामले भी फिर से उठें। उस मामले में नेशनल हेराल्ड की करोड़ों की संपत्ति को गलत तरीके से अपने नाम कराने का आरोप लगाया जाता रहा है।

कांग्रेस के विरोध को महिला सम्मान से भी जोड़ने की कोशिश हुई। स्मृति ने आपत्ति जताते हुए कहा कि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने महिला लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ शर्ट उतारकर प्रदर्शन किया, क्या राहुल ने यही सिखाया है। सुषमा के भाषण को नौटंकी करार देने के सवाल पर पलटवार करते हुए स्मृति ने कहा कि क्या सोनिया संसद को नाटक का रंगमंच समझती हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, बाहर खड़े होकर एक मिनट का बाइट देना अलग है और सदन के अंदर तथ्यों के साथ घंटे डेढ़ घंटे बोलना अलग बात है। खासकर राहुल को संसद की अवमानना नहीं करनी चाहिए।

बाद में संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू और राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने मीडिया रिपोर्ट्स को भी अपने पक्ष मे जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी ओछी राजनीति की पूर्ति के लिए देश के विकास के आड़े आ रही है। परोक्ष रूप से उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस सदस्यों के निलंबन को आम जनता भी समर्थन दे रही है। बल्कि कुछ लोगों का तो मानना है कि यह निलंबन पहले हो जाना चाहिए था। रूड़ी ने भी राहुल और सोनिया के प्रदर्शन पर ही सवाल खड़ा किया।

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