दिल्ली में नवरात्र में बन सकती है भाजपा की सरकार

नवरात्र के दौरान दिल्ली में भाजपा की अगुआई में नई सरकार का गठन किए जाने के प्रबल आसार हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपरा'यपाल नजीब जंग की उस रिपोर्ट पर मुहर लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में विधानसभा को भंग किए जाने से पहले भाजपा को सरकार बनाने का एक मौका दिया जाना चाहिए। मंत्रालय की यह रिपोर्ट शीघ्र ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजी जाएगी। राष्ट्रपति के आदेश के बाद ही उपराज्यपाल भाजपा को सूबे

By Edited By: Publish:Tue, 23 Sep 2014 08:55 AM (IST) Updated:Tue, 23 Sep 2014 08:57 AM (IST)
दिल्ली में नवरात्र में बन सकती है भाजपा की सरकार

नई दिल्ली [अजय पांडे]। नवरात्र के दौरान दिल्ली में भाजपा की अगुआई में नई सरकार का गठन किए जाने के प्रबल आसार हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल नजीब जंग की उस रिपोर्ट पर मुहर लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में विधानसभा को भंग किए जाने से पहले भाजपा को सरकार बनाने का एक मौका दिया जाना चाहिए। मंत्रालय की यह रिपोर्ट शीघ्र ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजी जाएगी। राष्ट्रपति के आदेश के बाद ही उपराज्यपाल भाजपा को सूबे में नई सरकार बनाने का निमंत्रण भेजेंगे। वहीं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रो. जगदीश मुखी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।

दिल्ली भाजपा के प्रभारी प्रभात झा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। समझा जा रहा है कि लंबी चली इस मुलाकात के दौरान इन नेताओं ने गृहमंत्री को दिल्ली की सियासत की स्थिति की जानकारी दी। दिल्ली के नेताओं ने सरकार बनाने के मुद्दे पर भी गृहमंत्री से विस्तार से बातचीत की। दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता इस मामले में अब भी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय ने भी सूबे में विधानसभा को भंग किए जाने से पहले सरकार बनाने की एक कोशिश और किए जाने की राय का समर्थन किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि इसी सप्ताह शुरू हो रहे नवरात्र के दौरान दिल्ली में सरकार बनाने की औपचारिक पहल हो सकती है। भाजपा के विधायक दल के नेता का चुनाव शीघ्र किए जाने की संभावना है। दूसरी ओर उपराच्यपाल जंग की ओर से सरकार बनाने का न्योता भी पार्टी को जल्दी प्राप्त हो सकता है।

राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय से मांगी थी राय

सनद रहे कि पिछले दिनों उपराज्यपाल नजीब जंग ने सूबे के सियासी हालात को लेकर अपनी एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी थी। इसमें कहा गया था कि दिल्ली में एक लोकप्रिय सरकार गठन की संभावनाएं अब भी मौजूद हैं। लिहाजा, विधानसभा को भंग किए जाने से पहले विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने इस रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय की राय मांगी थी। अब गृह मंत्रालय भी उपराच्यपाल की रिपोर्ट से सहमत हैं तो जाहिर तौर पर राष्ट्रपति गृह मंत्रालय से औपचारिक रिपोर्ट मिलने के बाद शीघ्र ही उपराच्यपाल को अपना निर्देश भेज देंगे। संभावना जताई जा रही है कि अगले तीन-चार दिनों में ये तमाम औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं।

10 अक्टूबर को होनी है सुनवाई

महत्वपूर्ण यह भी है कि दिल्ली के सियासी भविष्य को लेकर आगामी 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जहां केंद्र व दिल्ली सरकार को यह बताना है कि दिल्ली में नई सरकार बनेगी या विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे। समझा जा रहा है कि उससे पहले ही नई सरकार का गठन हो जाएगा। भाजपा को फिलहाल कम से कम पांच विधायकों के समर्थन की जरूरत है। इनमें से एक निर्दलीय व एक असंबद्ध सदस्य का समर्थन उसे पहले से हासिल है, जबकि तीन-चार और विधायक उसको समर्थन दे सकते हैं।

विधायक शहर से बाहर जाने से कर रहे परहेज

दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर जारी कशमकश के बीच विधायकों का शहर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है। आम आदमी पार्टी के गोवा गए तीन विधायकों को जिस प्रकार आनन-फानन में वापस बुलाया गया, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी राजनीतिक दल अपने विधायकों को लेकर किस कदर चौकन्ने हैं।

विधायकों की हालत यह है कि किसी को कनाडा जाना है तो किसी को काठमांडू, लेकिन इस माहौल में कोई भी शहर छोड़ने को तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी से जुड़े एक विधायक की मानें तो उन्हें विदेश जाने का अवसर इसलिए गंवाना पड़ा क्योंकि ऐसे माहौल में दिल्ली से बाहर जाना बेवजह की अफवाहों को हवा देना है।

इसी प्रकार भाजपा से जुड़े एक विधायक का कहना है कि पिछले काफी दिनों के राजनीतिक उहापोह के माहौल के मद्देनजर वह भी कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जाना चाहते हैं लेकिन जिस प्रकार की हवा उड़ रही है, उसे देखते हुए तो यहीं बने रहने में भलाई है।

कांग्रेस के एक विधायक ने नाम नहीं छापने के आग्रह के साथ कहा कि वे पिछले दिनों पार्टी के काम से पंजाब में थे, जबकि दिल्ली में हवा उड़ाई जा रही थी कि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे हैं।

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